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Sovereign Gold Bond: निवेशक अब आसानी से कर सकते हैं शिकायत, RBI ने बताया तरीका

अगर आप सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश करते हैं और इसे लेकर किसी भी तरह की कोई समस्या है तो RBI के दिए गए कुछ जगहों पर आप शिकायत कर सकते हैं.

Sovereign Gold Bond: निवेशक अब आसानी से कर सकते हैं शिकायत, RBI ने बताया तरीका

सॉवरेन गोल्ड बांड

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डीएनए हिंदी: अगर आप Sovereign Gold Bond में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. अक्सर सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (SGB) में इन्वेस्टमेंट करने को लेकर लोगों की शिकायत रहती है. अब आपकी शिकायतों का समाधान तुरंत हो जाया करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसे लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. मालूम हो कि पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी किया था जिसमें सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड से जुड़ी शिकायतों को तीन स्तर पर समाधान के लिए निर्देश जारी किए थे. इसमें तीसरा आप्शन RBI को सीधे मेल करने का है. RBI ने बताया कि निवेशक अलग-अलग लेवल पर मेल कर सकते हैं. 

स्तर 1: ग्राहक RO के नोडल अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (Sovereign Gold Bond) से जुड़ी शिकायत का पहला स्तर रिसिविंग ऑफिस (RO) का नोडल अफसर होगा. निवेशक अपनी शिकायतों को लेकर नोडल ऑफिसर के पास जा सकते हैं. रिसिविंग ऑफिस से मतलब बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (SCHIL), डेजिग्‍नेटेड पोस्‍ट ऑफिस और रिकग्‍नाइजड स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE और BSE) से है. कस्टमर यहां के नोडल ऑफिसर से कांटेक्ट कर सकते हैं.

स्तर2: खास मैट्रिक्स का इस्तेमाल 

कस्टमर अगर RO के लेवल पर शिकायत कर चुका है और टैब भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है तो ऐसी स्थिति में ROs में एस्‍क्‍लेशन मैट्रिक्‍स के जरिए कस्‍टमर की शिकायत का निपटारा किया जाएगा.

स्तर 3: RBI से शिकायत 

अगर कस्टमर ने RO से शिकायत की है बावजूद इसके एक महीने के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है या निवेशक RO के जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो वह sgb@rbi.Org.In पर रिजर्व बैंक से शिकायत कर सकते हैं.

RBI


2015 में शुरू हुई SGB स्‍कीम

सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond) स्‍कीम नवंबर 2015 में शुरू की गई थी. इसका मकसद खासकर सोने की फिजिकल डिमांड में कमी लाना और इसकी खरीद में इस्तेमाल होने वाली घरेलू सेविंग्‍स को फाइनेंशियल सेविंग्‍स में कन्‍वर्ट करना था. बता दें कि गोल्‍ड बॉन्‍ड (Gold Bond) की कीमत भारतीय रुपये में घरेलू बुलियन मार्केट में प्‍योर गोल्ड के एवरेज रेट के आधार पर तय होती है. इसमें सब्‍सक्रिप्‍शन खुलने के बाद पहले के तीन ट्रेडिंग सेशन की कीमत ही तय जाती है.

सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond) में प्रत्येक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश किया जा सकता है. गोल्‍ड बॉन्‍ड की मैच्‍योरिटी 5 साल में होती है. इसमें 5 साल पूरे होने के बाद ही निवेशक को एग्जिट का ऑप्‍शन मिलता है.

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