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ITR Filing Rules: इनकम टैक्स स्लैब में नहीं होने पर भी कर सकते हैं ITR फाइल, देखें इसके फायदे

Income Tax Return Update: भले ही आपकी कमाई टैक्स छूट की सीमा से कम हो फिर भी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आपको आईटीआर फाइल करना चाहिए.

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ITR Filing Rules: इनकम टैक्स स्लैब में नहीं होने पर भी कर सकते हैं ITR फाइल, देखें इसके फायदे

Income Tax Return

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डीएनए हिंदी: अगर आपकी कमाई इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो आपके लिए कानूनन आईटीआर फाइल करना अनिवार्य नहीं है. लेकिन, अगर आप ITR नहीं भरते हैं तो आप कई फायदों से चूक जाएंगे. सभी जानते हैं कि 60 साल से ऊपर और 80 साल से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, जबकि सुपर सीनियर सिटीजन यानी 80 साल से ऊपर के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है. लेकिन अगर आपकी सैलरी इनकम टैक्स लिमिट से कम है तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए क्योंकि इसके कई फायदे हैं.

आईटीआर फाइल करने के फायदे

ऋण पात्रता तय है

अगर आप लोन लेने जा रहे हैं तो बैंक आपकी योग्यता की जांच करता है जो आय के आधार पर होता है. बैंक आपको कितना लोन देगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न में कितनी इनकम फाइल की है. दरअसल आईटीआर (ITR File) एक ऐसा दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल सभी बैंक कर्ज की आसान प्रोसेसिंग के लिए करते हैं.

आमतौर पर बैंक लोन प्रोसेसिंग के दौरान अपने ग्राहकों से 3 आईटीआर की मांग करते हैं. इसलिए अगर आप होम लोन (Home Loan) लेकर घर खरीदना चाहते हैं या कार लोन (Car Loan) लेना चाहते हैं या पर्सनल लोन (Personal Loan) लेना चाहते हैं तो आईटीआर जरूर भरना चाहिए क्योंकि इससे लोन मिलना आसान हो जाता है.

टैक्स रिफंड के लिए आवश्यक

अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आप टर्म डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं पर अर्जित ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं. लाभांश आय पर भी कर बचाया जा सकता है. आप आईटीआर रिफंड (ITR Refund) के जरिए टैक्स क्लेम कर सकते हैं, अगर आय के कई स्रोतों से कुल आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो आप फिर से काटे गए टीडीएस का दावा कर सकते हैं.

पते के लिए वैध दस्तावेज, आय प्रमाण

इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर को एक वैध एड्रेस प्रूफ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका उपयोग आधार कार्ड बनाने के लिए भी किया जा सकता है. कंपनी द्वारा कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी किया जाता है. जो उनका इनकम प्रूफ है. यहां तक ​​कि स्वरोजगार या फ्रीलांसरों के लिए भी आईटीआर फाइलिंग दस्तावेज एक वैध आय प्रमाण के रूप में कार्य करता है.

नुकसान का दावा कर सकते हैं

किसी भी नुकसान का दावा करने के लिए एक करदाता को एक निर्धारित तिथि के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी है. यह नुकसान पूंजीगत लाभ, व्यवसाय या पेशे के रूप में हो सकता है. आयकर नियम उन लोगों को अनुमति देते हैं जो पूंजीगत लाभ के खिलाफ नुकसान को आगे बढ़ाने के लिए प्रासंगिक निर्धारण वर्ष में आईटीआर दाखिल करते हैं.

वीज़ा प्रोसेसिंग के लिए भी आवश्यक दस्तावेज़

अगर आप विदेश में कहीं जा रहे हैं तो ज्यादातर देश आईटीआर की मांग करते हैं. इससे पता चलता है कि व्यक्ति एक कर अनुपालन नागरिक है. इससे वीजा प्रोसेसिंग अधिकारियों को आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और आय का स्पष्ट अंदाजा हो जाता है. इससे आपके लिए वीजा प्राप्त करना आसान हो जाता है.

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