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Marital Rape: 18 से कम उम्र की पत्नी से सेक्स माना जाए रेप, जानिए LG की इस सिफारिश के मायने

यदि दिल्ली के उप राज्यपाल की यह सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय मानता है तो मेरिटल रेप को अपराध घोषित करने की राह खुल जाएगी.

Marital Rape: 18 से कम उम्र की पत्नी से सेक्स माना जाए रेप, जानिए LG की इस सिफारिश के मायने
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डीएनए हिंदी: पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बिना सेक्स करना अपराध है या नहीं? भारत में इसे लेकर लंबे समय से बहस चलती रही है. अब दिल्ली के उप राज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से ऐसी सिफारिश की है, जिससे 'मैरिटल रेप (Marital Rape)' को अपराध घोषित कराने की राह खुल सकती है. LG विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बिना सेक्स करने पर इसे दुष्कर्म (Rape) घोषित करने की सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी है. साथ ही इसे अपराध मानकर मुकदमा चलाए जाने की सिफारिश भी LG वीके सक्सेना ने की है.

बता दें कि भारत में मैरिटल रेप को अब तक अपराध घोषित नहीं किया गया है. इसी कारण कोई भी विवाहित महिला IPC की किसी भी धारा के दायरे में अपने साथ पति की जबरदस्ती के लिए कानूनी गुहार नहीं लगा सकती है.

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किस धारा को हटाने की है मांग

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, LG ने अपनी सिफारिश में गृह मंत्रालय को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 375 में संशोधन करने का आग्रह किया है. IPC की धारा 375 में वह परिभाषा तय की गई है, जिसके अनुसार यह तय किया जाता है कि शारीरिक संबंध का कौन सा मामला रेप के दायरे में आता है और उसके लिए सजा दी जा सकती है. LG ने मंत्रालय से इस धारा के अपवाद-2 को हटाने के लिए कहा है. 

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क्या है धारा 375 का अपवाद-2, जिस पर है विवाद

धारा 375 के अपवाद-2 के तहत प्रावधान है कि यदि 15 से 18 साल की विवाहित लड़की के साथ उसका पति बिना उसकी सहमति के शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे सजा नहीं दी जा सकती. सामाजिक संगठन इस अपवाद को बाल विवाह निषेध कानून- 2021 (child marriage act- 2021) का विरोधी बताते हैं, जिसमें 18 साल से कम उम्र में शादी गैरकानूनी है. साथ ही सामाजिक संगठन इसे संविधान के आर्टिकल 14 और आर्टिकल 21 का भी उल्लंघन मानते हैं.

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हालांकि अपवाद-2 के खिलाफ दायर एक मुकदमे में दिल्ली हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इस साल मई में फैसला दिया था. एक जज ने इसे आर्टिकल 14 के खिलाफ माना था, लेकिन दूसरे जज का फैसला विपरीत था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इसे हटाने के लिए संशोधन की प्रक्रिया जारी होने की जानकारी दी थी, जबकि दिल्ली पुलिस ने भी इसे असंवैधानिक माना था.

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पॉक्सो एक्ट के भी खिलाफ है अपवाद-2

धारा 375 का अपवाद-2 बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बने पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) के भी खिलाफ है. पॉक्सो एक्ट में जहां 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर यौन हमले को अपराध माना गया है, वहीं अपवाद-2 के तहत 18 साल से कम उम्र की विवाहित लड़की के साथ पति को शारीरिक संबंध बनाने की छूट दी गई है.

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