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Raj Babbar को सरकारी कर्मचारी से हाथापाई पर मिली है सजा, आप भी फंस सकते हैं, जानिए क्या कहता है कानून

सरकारी कार्यालयों में हंगामा और मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं. खासतौर पर राजनेताओं का सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करना आम बात हो गई है, लेकिन ऐसा करने पर सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.

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डीएनए हिंदी : अभिनेता से राजनेता बने कांग्रेस के पूर्व सांसद राज बब्बर (Raj Babbar) को सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार के मामले में 26 साल बाद सजा मिली है. अदालत ने बब्बर को 2 साल की की कैद के साथ जुर्माने की सजा दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकारी दफ्तरों में हंगामा करने के लिए इससे भी ज्यादा सजा का प्रावधान है? 

दरअसल सरकारी दफ्तरों में या सड़क पर सरकारी कर्मचारियों के साथ भिड़ जाना अब पब्लिक के लिए फैशन जैसा बन गया है. ऐसे मामलों में सरकारी कर्मचारियों को मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार है, जिसमें दोषी साबित होने पर झगड़ा करने वालों को 2 से लेकर 10 साल तक के लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है. भारतीय दंड संहिता यानी IPC में इसके लिए बाकायदा धाराएं तय की गई हैं. 

IPC में ऐसे मामलों के लिए कौन सी धाराएं तय की गई हैं और उनमें कितनी सजा मिल सकती है, आइए हम आपको बताते हैं.

इन धाराओं के तहत है सजा का प्रवाधान

  • धारा 354- यह धारा सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगने पर उपयोग की जाती है. इसके तहत आरोपी को 2 साल तक की जेल की सजा मिलती है.
  • धारा 504- यदि आप किसी सरकारी कर्मचारी के साथ बहस करते हैं और अपशब्द बोलते हैं तो वह इस धारा में मुकदमा दर्ज करा सकता है. इसमें भी 2 साल की सजा मिलती है.
  • धारा 506- सरकारी कर्मचारी को धमकी देने की स्थिति में इस धारा के तहत दर्ज मुकदमे के आरोपी बनाया जाता है. अदालत इसमें 3 से 7 साल तक की सजा दे सकती है.
  • धारा 332- इस धारा का उपयोग किसी सरकारी कर्मचारी से मारपीट की स्थिति में होता है. इसमें आरोपी के 3 से 10 साल तक की सजा देने का प्रावधान है.
  • धारा 383, 384 व 386-  सरकारी कर्मचारी को ब्लैक मेल करने पर इन 3 धाराओं के तहत आपको 3 से 10 साल तक जेल की सजा दी जा सकती है.
  • धारा 420- इस धारा का उपयोग यूं तो फ्रॉड के केस में होता है, लेकिन सरकारी कार्यालय में जबरदस्ती दाखिल होने पर भी इसके तहत आपको 2 साल की सजा मिल सकती है.
  • धारा 378- यह धारा किसी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर उपयोग में लाई जाती है. इसके तहत सजा मिलती है 3 साल की.
  • धारा 378, 379- इसके तहत सरकारी कागजातों की चोरी का आरोप दर्ज किया जाता है. इसमें 3 साल की सजा मिलती है.
  • धारा 141, 143- सरकारी कार्यालय पर बिना इजाजत के इकट्ठा होने और अंदर घुसने की स्थिति में इन धाराओं का उपयोग होता है. सजा दी जा सकती है 6 महीने की.
  • धारा 146, 148 व 150- इन धाराओं के तहत उन्हें 6 महीने से 2 साल तक की सजा मिलती है, जो सरकारी कार्यालय में हिंसा करने के आरोपी होते हैं. 

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आप धारा 166 से दे सकते हैं सरकारी कर्मचारी की बदतमीजी का जवाब

सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में कानून की इतनी सारी धाराएं हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप उनके गलत व्यवहार का जवाब नहीं दे सकते. कानून में किसी लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी या अधिकारी) के आचरण को लेकर भी धारा 166 का प्रावधान किया गया है. 

IPC की धारा 166 के मुताबिक, किसी भी लोक सेवक की तरफ से किसी व्यक्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने या अपमानित करने का प्रयास करने पर सजा का प्रावधान है. इसके तहत लोक सेवक को एक साल के सादे कारावास और जुर्माने की सजा मिल सकती है. 

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