Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Geetika Sharma कौन थीं, क्यों उसके सुसाइड केस में 11 साल फंसा रहा हरियाणा का यह पूर्व मंत्री

Geetika Sharma Suicide Case: गीतिका शर्मा पेशे से एयर होस्टेस थी, जिसका शव 5 अगस्त, 2012 को उनके घर पर मिला था. इस आत्महत्या का आरोप हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा पर लगा था.

Geetika Sharma कौन थीं, क्यों उसके सुसाइड केस में 11 साल फंसा रहा हरियाणा का यह पूर्व मंत्री

Geetika Sharma Suicide Case में Gopal Kanda को कोर्ट ने बरी किया.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Who Was Geetika Sharma- हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा (Gopal Kanda) को दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को उस सुसाइड केस से बरी कर दिया, जिसकी चर्चा पिछले 11 साल से हरियाणा ही नहीं देश की राजनीति में रही है. यह केस एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का था. इस केस में गोपाल कांडा 18 महीने जेल की सजा भी काट चुके हैं. अब कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने कांडा और उनकी करीबी अरुणा चड्ढा को इस मामले में आरोप साबित नहीं होने पर बरी कर दिया है. इस फैसले के साथ ही एक बार फिर गीतिका शर्मा की आत्महत्या चर्चा में आ गई है, जिसने अपने सुसाइड नोट में साफतौर पर अपने आत्महत्या के लिए मजबूर होने का जिम्मेदार कांडा और चड्ढा को ठहराया था.

पढ़ें- गीतिका शर्मा सुसाइड केस में गोपाल कांडा को राहत, दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने किया बरी

रेडियो रिपेयरिंग से एयरलाइंस का मालिक बनने तक, पहले जानिए कांडा की कहानी

गोपाल गोयल कांडा हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है. कांडा ने 90 के दशक में सिरसा में रेडियो रिपेयरिंग की छोटी सी दुकान खोल रखी थी. बाद में उसने अपने भाई के साथ पार्टनरशिप में जूते-चप्पल बेचने की दुकान खोल ली. इस दुकान से कांडा को जमकर मुनाफा हुआ, जिसके पर उसने जूता बनाने की अपनी ही फैक्ट्री लगा ली. इसके बाद कांडा ने रियल एस्टेट के कारोबार में कदम रखा. साथ ही राजनीति में हाथ आजमाते हुए विधायक बन गए. उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री पद भी मिल गया. साल 2008 में कांजा ने गुरुग्राम (तत्कालीन गुड़गांव) में MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की. यह नाम उनके पिता मुरलीधर लेखा राम (MDLR) के नाम पर तय हुआ था. हालांकि महज एक साल में यानी साल 2009 में यह एयरलाइंस विवाद में फंसने पर बंद हो गई. कांडा की इसके अलावा भी 40 कंपनियां चल रही हैं.

अब जानते हैं गीतिका शर्मा की कहानी

गीतिका शर्मा एयर होस्टेस बनना चाहती थी. दिल्ली के अशोक विहार की निवासी गीतिका को 18 साल से भी कम उम्र में कांडा ने साल 2008 में अपनी एयरलाइंस में भर्ती कर लिया. उसे ट्रेन केबिन क्रू का लेटर दिया गया. कांडा को पहली ही नजर में बेहद सुंदर गीतिका ऐसी भा गई कि महज छह महीने बाद 18 साल की होते ही उसे एयर होस्टेस बना दिया गया. इसके बाद एयरलाइंस बंद हुई, लेकिन गीतिका की तरक्की होती रही और महज 3 साल में वह कंपनी की डायरेक्टर बन गई. 

रिश्ते बिगड़े और गीतिका चली गई दुबई

इस तेज रफ्तार तरक्की के बीच किसी बात पर कांडा और गीतिका की अनबन हो गई. गीतिका ने कांडा से दूरी बनाई और सीधे दुबई पहुंच गई नौकरी करने के लिए. आरोप है कि यहां से कांडा ने गीतिका का मानसिक उत्पीड़न शुरू किया. कांडा ने अपने राजनीतिक रिश्तों के दम पर गीतिका को दुबई की नौकरी छोड़कर भारत लौटने पर मजबूर किया. आरोप है कि दिल्ली वापस आने पर भी कांडा गीतिका के पीछे लगा रहा. इसी से गीतिका इतना मानसिक दबाव में आ गई कि उसने सुसाइड जैसा कदम उठा लिया.

गीतिका ने मरते समय क्या आरोप लगाए

गीतिका की लाश 5 अगस्त, 2012 को उनके अशोक विहार स्थित आवास पर मिली. उन्होंने 4 अगस्त, 2012 को अपना सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें सीधे तौर पर कांडा और अरुणा चड्ढा के उत्पीड़न के कारण जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर होने की बात कही थी. दो पेज के सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा था कि मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्योंकि मेरा विश्वास टूट गया है और मैं अंदर से टूट चुकी हूं. मेरे साथ धोखा हुआ है. मेरी मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा जिम्मेदार हैं. इन दोनों ने मेरे विश्वास को तोड़कर अपने-अपने फायदे के लिए मेरा इस्तेमाल किया. इन्होंने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया और अब ये लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इन्हें अपने गलत किए की सजा मिलनी चाहिए. गीतिका की मौत के करीब 6 महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी. इसका आरोप भी कांडा के ऊपर ही लगाया गया था.

कांडा को छोड़ना पड़ा था मंत्री पद

यह केस दर्ज होने के बाद राजनीतिक गहमागहमी का सबब बन गया था. हरियाणा की राजनीति में उबाल के बीच कांडा को राज्य के गृह मंत्री, निकाय मंत्री, उद्योग मंत्री व वाणिज्य मंत्री पदों से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि फिर कांडा ने अपनी अलग हरियाणा लोकहित पार्टी बना ली थी. इस पार्टी के टिकट पर कांडा अब भी सिरसा विधानसभा सीट से विधायक है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement