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क्या राहुल गांधी को वापस मिल जाएगा सरकारी बंगला, पढ़े क्या कहते हैं नियम

Bungalow Allotment Rules: दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की सांसदी गई अब उनको सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी दिया गया है.

क्या राहुल गांधी को वापस मिल जाएगा सरकारी बंगला, पढ़े क्या कहते हैं नियम

Government Bungalow Rules

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डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था. 2004 में पहली बार अमेठी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए राहुल गांधी 4 बार लोकसभा के सांसद चुने जा चुके हैं. वह लंबे समय से दिल्ली में 12, तुगलक लेन के बंगले में रह रहे थे और इस बंगले को न सिर्फ लंबे समय से राहुल गांधी के घर के रूप में जाना जाता है बल्कि इसे एक 'पावर सेंटर' के रूप में देखा जाता था. अब राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल गांधी को उनका बंगला भी वापस मिल जाएगा.

देश के सांसदों को दिल्ली में रहने के लिए सरकारी बंगले दिए जाते हैं. पहली बार के सांसद, पुराने सांसद, राज्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री और अन्य पदों के हिसाब से इन बंगलों का अलॉटमेंट किया जाता है. लोकसभा सचिवालय से सम्बद्ध आवास विभाग बंगले आवंटित करवाने या खाली करवाने का काम करता है. आमतौर पर नए सिरे से चुनाव हो जाने के बाद जो सांसद दोबारा नहीं चुने जाते उन्हें बंगले खाली करने पड़ते हैं. इसके अलावा, बीच में भी किसी कारण से पद जाने या इस्तीफा देने की स्थिति में भी सरकारी बंगला खाली करना होता है.

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कैसे मिलते हैं सरकारी बंगले?
राजधानी दिल्ली में कई टाइप के बंगले होते हैं. इनकी सुविधाओं और आकार के हिसाब से इनकी नंबरिंग भी की गई है. टाइप 6, 7 और 8 के बंगले सांसदों, राज्य मंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को दिए जाते हैं. राहुल गांधी को मिला तुगलक लेन 12 नंबर बंगला टाइप 7 का था. आमतौर पर राज्य मंत्री, दिल्ली हाई कोर्ट के जज या कम से कम 5 बार सांसद रहे शख्स को ही टाइप 7 का बंगला दिया जाता है. पहली बार सांसद बने नेताओं को टाइप 5 का बंगला दिया जाता है. 

जिन नेताओं को किसी कारण से एसपीजी की सुरक्षा दी जाती है तो उन्हें भी सरकारी बंगले दिए जाते हैं. राजीव गांधी की हत्या के बाद से उनके पूरे परिवार को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी. साल 2019 में मोदी सरकार ने इस सुरक्षा कवर को जेड प्लस सिक्योरिटी में बंदल दिया. इसके मुताबिक, प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा. सांसद न होने के चलते प्रियंका गांधी इस बंगले के लिए 37 हजार रुपये महीने का किराया भी चुका रही थीं.

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क्या हैं बंगला खाली करने के नियम?
16 सितंबर 2019 से सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन अधिनियम लागू किया गया. इसके नियमों के मुताबिक, सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा रखने वाले लोगों से जल्दी से जल्दी घर खाली करवाए जाएंगे. नए नियमों के मुताबिक लंबी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी. संपदा अधिकारी सरकारी आवास खाली करने के लिए अब सिर्फ 3 दिन का नोटिस जारी कर सकता है, पहले यह समय 60 दिन का था.

लोकसभा की हाउसिंग कमेटी चाहे तो किसी सांसद की सांसदी जाने या मंत्री पद छिन जाने की स्थिति में भी सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दे सकती है. इसके लिए, सरकारी बंगले में रहने वाले शख्स को बाजार के रेट के हिसाब से किराया चुकाना होता है.

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