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Floppy Disc पर अब तक क्यों अटका रहा जापान? अब क्यों कर रहा इसके खिलाफ 'युद्ध' का ऐलान, जानें सबकुछ

टेक्नोलॉजी के मामले में जापान (Japan) का पूरी दुनिया में डंका बजता है. जापान अभी भी सरकारी दफ्तरों में फ्लॉपी डिस्क का उपयोग कर रहा है. 

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Floppy Disc पर अब तक क्यों अटका रहा जापान? अब क्यों कर रहा इसके खिलाफ 'युद्ध' का ऐलान, जानें सबकुछ
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डीएनए हिंदीः जापान की टेक्नोलॉजी का पूरी दुनिया में डंका बजता है. बुलेट ट्रेन से लेकर गाड़ियों तक उसकी उसने दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि कंप्यूटर की नई तकनीक में वह अब भी कई पिछड़े देशों से पीछे चल रहा है. जापान में आज भी संदेश के आदान-प्रदान के लिए फैक्‍स (Fax) का इस्तेमाल सबसे ज्‍यादा किया जाता है. वहीं डेटा स्‍टोरेज के लिए जापान के लोगों की पहली पसंद कई साल पहले दुनिया में चलन से बाहर हो चुकी फ्लॉपी डिस्‍क (Floppy Disc) हैं. अब जापान ने इसके खिलाफ 'युद्ध' छेड़ दिया है.

ऑनलाइन की ओर आगे बढ़ रहा जापान
तारो कोनो ने अंग्रेजी में ट्वीट किया, 'डिजिटल मंत्रालय का फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disc) के खिलाफ युद्ध का ऐलान.' उन्होंने इस ट्वीट में आगे लिखा, 'डिजिटल एजेंसी नियम-कायदों को बदलने जा रही है ताकि आम लोग प्रशासनिक कामों के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन (Online) प्रक्रिया अपना सकें.' गौरतलब है कि भले ही जापान (Japan) दुनिया के कुछ प्रमुख दिग्गज कंपनियों का घर हो, लेकिन आम जापानियों को हमेशा से पुरानी तकनीक से ज्यादा लगाव रहा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में 2015 तक म्यूजिक कैसेट्स काफी संख्या में इस्तेमाल किए जाते रहे. 2019 में जापान के साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कंप्यूटर (Computer) का इस्तेमाल नहीं किया. 

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क्या होती है फ्लॉपी डिस्क?
1970 और 1990 के दौरान फ्लॉपी डिस्क का जबर्दस्त प्रचलन था. इसे डाटा स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जैसे हम आज के दौर में पेन ड्राइव का इस्तेमाल करते हैं वैसे ही पुराने समय में फ्लॉपी आती थी. इसकी आकार भी बड़ा होता था. फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर डेटा और प्रोग्राम को सेव करने के काम आने वाली एक रिमूवेबल स्टोरेज डिस्क को कहते थे. वर्ड डॉक्यूमेंट में ऊपर की तरफ एनिमेटेड विकल्प में फ्लॉपी डिस्क 'सेव' करने का ऑप्शन बताती है. फ्लॉपी डिस्क को सबसे पहले आईबीएम ने विकसित किया, जिसमें 800 केबी डेटा सेव हो सकता था. 800 केबी आज के लिहाज से जीबी का महज 0.00008 फीसद हुआ.  

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सुरक्षा और इंजीनियरों की कमी है कारण?
जापान का अब तक इस पुरानी तकनीक के इस्तेमाल के पीछे कई कारण भी हैं. दरअसल जापान में फ्लॉपी जैसी आउटडेटिड तकनीकों का हटाया जाता है और नई टेक्‍नोलॉजी को लागू किया जाता है तो रोजाना के कामों के लिए कई सारे सॉफ्टेवर बनाने की जरूरत होगी. फिलहाल जापान करीब 5 लाख सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कमी से जूझ रहा है. इतना ही नहीं निजी और सरकारी डेटा को लेकर जापानी अधिकारी बहुत संवेदनशील हैं. जापानी सरकार के अफसरों का मानना है कि फ्लॉपी में डेटा आज की आधुनिक तकनीकों से ज्यादा सुरक्षित रहता है. इसलिए वे सरकारी कामकाज में ईमेल का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं. गोपनीय सरकारी दस्तावेज फ्लॉपी डिस्क पर ही सेव करते हैं.

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