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Ballistic Missile Agni-5: अग्नि 5000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है, जानें कितनी है खतरनाक?

अग्नि-5 की मारक क्षमता बेहद सटीक है. यह 5000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है.

Ballistic Missile Agni-5: अग्नि 5000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है, जानें कितनी है खतरनाक?

अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: सतह से सतह तक मार करने वाली बेहद शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण सफल रहा. ओडिशा स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से इस मिसाइल को 27 अक्टूबर को लॉन्च किया गया है. अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर है. बैलिस्टिक मिसाइल की सफल लॉन्चिंग से भारतीय सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ गई है.

अग्नि-5 मिसाइल में परमाणु हथियार भी लगाया जा सकता है. यही वजह है कि पड़ोसी पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में भी इस मिसाइल को लेकर भय है. अग्नि-5 मिसाइल का निशाना अचूक है. यह सटीकता से लक्ष्य भेदने में सक्षम है. ऑपरेशन के दौरान यह तीन चरणों वाले ठोस ईंधन वाले इंजन का इस्तेमाल करता है. रक्षा मंत्रालय ने लॉन्चिंग के वक्त कहा है कि भारत अपने नो फर्स्ट यूज की प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा.

मिसाइल अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से निशाना साधती है. अगर किसी वजह से टार्गेट मिस होता है तो अंतर महज 10 से 80 मीटर का होगा हालांकि मिसाइल का प्रहार तब भी घातक ही रहेगा. अग्नि-5 को लॉन्च करने के लिए ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है. इस बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रक में लाद कर सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है. वैज्ञानिक एम नटराजन ने पहली बार वर्ष 2007 में अग्नि के बारे में योजना बनाई थी. तब से लेकर अब तक इस मिसाइल के कई वर्जन आ चुके हैं जिनकी ताकत भारतीय सेना को और मजबूत कर रही है.
 
अग्नि-5 की जद में है आधी दुनिया


भारत अपनी सीमाएं चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ साझा करता है. ऐसी स्थिति में अग्नि-5 भारतीय सेना को और मजबूत करने वाली है. जानकारों का मानना है कि अगर भारत इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों पर हमला कर सकता है. जाहिर है कि इस मिसाइल की जद में आधी दुनिया है. जहां भी दुश्मन हों उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है.

एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में है सक्षम है अग्नि-5

अग्नि-V की सबसे खास विशेषता इसकी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक है. इस तकनीक में मिसाइल पर लगे वारहेड में एक नहीं बल्कि जगह कई हथियार लगाए जा सकते हैं. यानी एक मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकती है. अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. इसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण किया गया. अग्नि-5 मिसाइल के 7 सफल परीक्षण हो चुके हैं. अलग-अलग परीक्षणों में इस मिसाइल को अलग-अलग मापदंडों पर परखा गया है जिससे यह बात सामने आई कि दुश्मन को तबाह करने के लिए मिसाइल सबसे अच्छा हथियार है.

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