Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

अमेरिका में 122 साल बाद बना लिंचिंग के खिलाफ कानून, दिलचस्प है Anti-Lynching Act की पूरी कहानी

एफबीआई ने 49 साल बाद लिंचिंग के एक मामले में जांच शुरू की. इसमें लंबे समय तक जांच जारी रही. पढ़ें शिवांक मिश्रा की खास रिपोर्ट

अमेरिका में 122 साल बाद बना लिंचिंग के खिलाफ कानून, दिलचस्प है Anti-Lynching Act की पूरी कहानी

अमेरिका में 122 साल बाद एंटी लिंचिंग कानून पास हुआ है.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने आज अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास हुए लिंचिंग के खिलाफ बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद लिंचिंग के खिलाफ पास हुआ बिल अब कानून बन जायेगा. अमेरिका में लिंचिंग के खिलाफ बने इस कानून का नाम एमेट टिल एन्टी लिंचिंग एक्ट (Emmett Till Anti-Lynching Act) रखा गया है. इस नए कानून के तहत अब अमेरिका में अगर किसी व्यक्ति को पीट पीट कर मार डाला जाता है तो लिंचिंग के दोषी पर अधिकतम 30 साल की जेल का प्रावधान किया गया है.

122 साल तक करना पड़ा इंतजार
अमेरिका में बना यह एन्टी लिंचिंग कानून अपने आप मे बेहद खास है क्योंकि 122 साल के लंबे इंतजार के बाद अमेरिका में लिंचिंग पर कानून बना है. अमेरिका में पहली बार साल 1900 में पहला एन्टी-लिंचिंग बिल नार्थ कैरोलिना से रिपब्लिकन पार्टी सांसद जॉर्ज हेनरी व्हाइट ने पेश किया था जो उस समय इकलौते अश्वेत सांसद थे लेकिन यह बिल कमेटी के आगे ही नहीं बढ़ पाया और गिर गया. साल 1900 के बाद भी लगभग 200 बार अमेरिका की संसद में लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए बिल पेश किया गया लेकिन हर बार बिल या तो निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (House of Representative) या फिर उच्च सदन सीनेट (Senate) में गिर गया और कानून नहीं बन पाया.

यह भी पढ़ेंः Electric Vehicles में क्यों लगती है आग, क्यों बम जितनी खतरनाक हो जाती है बैटरी?

अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों के लिए साल 1909 से काम करने वाली संस्था National Association for the Advancement of Colored People (NAACP) के मुताबिक वर्ष 1882 से 1968 तक अमेरिका में 4700 लोगों को लिंच किया गया था जिसमे से 70% मरने वाले अश्वेत अमेरिकी थे.

422 में से सिर्फ 3 सांसदों ने किया विरोध
अमेरिका में साल 2020 में निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (House of Representative) में लिंचिंग विरोधी बिल पास हुआ था लेकिन फिर एक बार इसे उच्च सदन सीनेट से पास नही होने नही दिया गया था. आखिरकार लम्बे इंतज़ार के बाद 28 फरवरी 2022 को अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (House of Representative) से इस बिल को फिर पास करवाया गया जिसमें 422 सांसदों ने लिंचिंग विरोधी बिल के पक्ष में मतदान किया और 3 ने विरोध में. फिर इसी महीने 7 मार्च को आखिरकार अमेरिका के उच्च सदन सीनेट ने सर्वसम्मति से बिल को पास कर दिया. जिसके बाद आज राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल ने कानून की शक्ल ले ली.

यह भी पढ़ेंः CUET 2022: जिस परीक्षा को लेकर मच रहा बवाल! जानें उससे स्‍टूडेंट्स-पैरेंट्स पर क्या होगा असर?

अमेरिका में 122 साल के इंतज़ार और 200 प्रयासों के बाद लिंचिंग विरोधी कानून के बनने की कहानी जितनी संघर्षपूर्ण और दिलचस्प है उतनी ही इस कानून के नाम की. इस लिंचिंग विरोधी कानून का नाम एमेट टिल एन्टी लिंचिंग एक्ट (Emmett Till Anti-Lynching Act) रखा गया है. असल मे एमेट टिल अमेरिका का एक 14 साल का एक अश्वेत बच्चा था जिसकी साल 1955 में निर्मम हत्या कर दी गयी थी.

कैसे मिला बिल को नाम
24 अगस्त 1955 को एमेट टिल नाम का 14 साल का बच्चा जो अपने रिश्तेदारों के घर शिकागो से मिसिसिपी घूमने आया था वो अपने रिश्तेदार के साथ पास के एक किराना स्टोर में समान लेने गया था. एमेट टिल पर आरोप लगाया गया कि उसने वहां किराना स्टोर पर काम करने वाली श्वेत महिला कैरोलिन ब्रायंट को सींटी मारी और वहां से भाग गया. FBI (Federal Bureau of Investigation) के मुताबिक इस घटना के 4 दिन बाद 28 अगस्त 1955 को कैरोलिन ब्रायंट के पति रॉय ब्रायंट और रॉय के सौतेले भाई जे डब्लू मिलम ने 14 साल के एमेट टिल को आधी रात में उसके रिश्तेदारों के घर से किडनैप कर लिया फिर कोठरी जैसे किसी स्थान पर ले जाकर पहले उसे बुरी तरह पीटा, फिर सर पर गोली मार दी और उसके बाद उसके गले मे पंखे और नुकेले तार को बांध कर एमेट को नदी में फेंक दिया. एमेट टिल की हत्या इतनी निर्दयी थी कि अंतिम संस्कार में जब उसका शरीर ताबूत में रखा गया था तो चेहरा पूरी तरह बिगड़ चुका था.

यह भी पढ़ेंः ओमिक्रोन और डेल्टा से मिलकर बना DeltaCron, क्या हैं लक्षण, कितना है असरदार?

एमेट टिल की हत्या करने वाले रॉय ब्रायंट और जे डब्लू मिलम पर हत्या का मुकदमा तो चला लेकिन इन दोनों को अमेरिकी कोर्ट ने सितंबर 1955 में रिहा कर दिया. रॉय और मिलम को रिहा करने का आदेश देने वाली जजों की ज्यूरी में सभी श्वेत जज थे. हालांकि वर्ष 1956 में अमेरिका की "लुक मैगज़ीन" को दिए इंटरव्यू में दोनों रॉय और मिलम ने कुबूल किया था कि इन दोनों ने ही एमेट टिल की हत्या की थी.

49 साल बाद फिर खंगामा मामला
साल 2004 में FBI ने 49 साल बाद एमेट टिल की हत्या के मामले को फिरसे खंगालना शुरू किया लेकिन तब तक रॉय और मिलम दोनों की मौत हो चुकी है. हालांकि FBI ने इस बार खोजबीन करनी चाही कि कहीं टिल की हत्या में रॉय और मिलम के अलावा कोई शामिल तो नहीं था लेकिन सबूत ना मिलने पर 2007 में FBI ने फाइल बन्द कर दी. साल 2017 में अमेरिका के कानून मंत्रालय ने फिरसे नये साक्ष्यों के आधार पर मामला फिरसे खोला लेकिन दिसंबर 2021 में फिर से बन्द कर दिया गया.

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement