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दक्षिण भारत के इन राज्यों में मोदी मैजिक भी बेअसर, क्या BJP के 'चाणक्य' दिलाएंगे पार्टी को जीत?

भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत में पांव जमाने की कोशिश कर रही है. क्षेत्रीय दल पार्टी की राह में रोड़ा बन गए हैं.

दक्षिण भारत के इन राज्यों में मोदी मैजिक भी बेअसर, क्या BJP के 'चाणक्य' दिलाएंगे पार्टी को जीत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह. (तस्वीर-PTI)

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डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी बार सत्ता में आने का सपना देख रही है. 9 साल में यह पार्टी कई राज्यों में सरकार बना चुकी है. कई राज्यों में कदम जमाने का सपना देख रही है लेकिन दक्षिण भारत बीजेपी के लिए अब भी आसान नहीं है. 

बीजेपी भले ही देश में राज्य दर राज्य लगातर चुनाव जीत रही है लेकिन दक्षिण भारत अब भी आसान नहीं है. दक्षिण भारत के कई राज्य बीजेपी के लिए अभेद दुर्ग बने हुए हैं.

दक्षिण भारत में बीजेपी सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में कर्नाटक में है. कर्नाटक में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) इतना मजबूत है कि यहां कई बार मुख्यमंत्री बीजेपी बना चुकी है. राज्य में बीजेपी का ही शासन है.

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दक्षिण भारत के 4 राज्यों में अटकता है BJP का विजय रथ

बीजेपी गठबंधन पुड्डुचेरी में सत्ता है लेकिन क्षेत्री दल लगातार उनकी चुनौतियां बढ़ा रही हैं. दक्षिण भारत के अन्य चार राज्य - तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश अभी भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है जहां पार्टी का विजयी रथ बार-बार जाकर रुक जाता है.

क्या BJP के चाणक्य कर ले जाएंगे डैमेज कंट्रोल?

देश की तेजी से बदल रही राजनीतिक परिस्थिति के मुताबिक, 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर दक्षिण भारत के इन प्रदेशों का महत्व काफी बढ़ गया है. बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह के लिए डैमेज कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो गया है. ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या इस बार वे मिशन दक्षिण भारत संभाल पाते हैं या नहीं.

इन राज्यों में BJP का नहीं खुला है खाता

कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुड्डुचेरी मिलाकर लोक सभा में 130 सांसद भेजते हैं जिसमें से फिलहाल 29 सीटें ही BJP के पास है. इसमें से 25 सीटें उसे अकेले कर्नाटक से मिली है और तेलंगाना से उसके पास 4 सीट है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और पुडुचेरी में BJP के पास एक भी सीट नहीं है.

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यही वजह है कि, 2024 लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए BJP एक बार फिर से दक्षिण भारत में अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है. कर्नाटक में 10 मई को विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं और राज्य में इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

विधानसभा चुनाव होंगे 2024 के लिए सबक

BJP कर्नाटक में 150 सीटों पर जीत हासिल करने के लक्ष्य के साथ चुनाव लड़ रही है. तेलंगाना में इस वर्ष के अंत में विधान सभा चुनाव होना है जिसे लोक सभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में BJP ने केसीआर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

संगठन को मजबूत करने में जुटी BJP

वहीं BJP तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में भी पार्टी संगठन को लगातार मजबूत करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए एक तरफ जहां पार्टी अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा कर रही है तो वहीं इसके साथ ही मिशन दक्षिण भारत के तहत पार्टी ने अन्य दलों के महत्वपूर्ण नेताओं को भी अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री लगातार दक्षिण भारत के इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को भी तेलंगाना और तमिलनाडु का दौरा कर राज्य की जनता को करोड़ों रुपये की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी.

क्या नए समीकरणों को साधने की बीजेपी कर रही है कोशिश?

वहीं दूसरी तरफ पार्टी पिछले तीन दिनों से लगातार इन राज्यों के महत्वपूर्ण नेताओं को दिल्ली में पार्टी में शामिल करवा कर महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश देने का भी प्रयास कर रही है. 6 अप्रैल को कांग्रेस के दिग्गज नेता, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मनमोहन सिंह सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीजेपी में शामिल हुए.

7 अप्रैल को अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी बीजेपी में शामिल हुए. 8 अप्रैल को तमिलनाडु कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके सीआर केसवन BJP में शामिल हो गए. दक्षिण भारत से उम्मीदें लगाए कांग्रेस को इसी वजह से लगातार राजनीतिक झटका लग रहा है.

अनिल एंटनी और किरण कुमार रेड्डी के BJP में शामिल होने के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे मुलाकात की है. सीआर केसवान से अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों मिल चुके हैं. आंध प्रदेश, केरल और तमिलनाडु को साधने की कोशिश में जुटी बीजेपी दक्षिण भारत को साधने में जुटी है. बीजेपी को उम्मीद है कि यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जाएं. हालात अभी ऐसे नजर नहीं आ रहे हैं.

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