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दिल्ली में मंदिरों की रेलिंग तोड़ने की बात कहां से आई, क्यों हुआ इतना बवाल की पैरामिलिट्री करनी पड़ गई तैनात

दिल्ली के मंडावली में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है. स्थानीय लोग मंदिर के बाहर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि विवाद की असली वजह क्या है.

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मंडावली में मंदिर के पास चल रहा है अतिक्रमण विरोधी अभियान. (तस्वीर-PTI)

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डीएनए हिंदी: दिल्ली में एक मंदिर की रेलिंग टूटने पर लोग इतने नाराज हो गए कि पैरामिलिट्री फोर्स को कमान संभालनी पड़ी. पुलिस से यह मामला संभलने का नाम ही नहीं ले रहा था. पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में बने मंदिर के अतिक्रमण के खिलाफ जब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक्शन लिया तो स्थानीय लोग बौखला गए. हालात ऐसे बन गए कि लोग पुलिस और अधिकारियों के खिलाफ उग्र हो गए.

अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मंदिर के एक हिस्से में लगी रेलिंग को हटाने के विरोध में ही हंगामा बरपा है. 100 से ज्यादा लोग प्रशासन के विरोध में मंदिर के सामने एकजुट हो गए. बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की वजह से इलाके में जाम लग गया. पुलिस-प्रशासन के काफी मनाने के बाद ही हंगामा थमा.

क्यों पैरामिलिट्री ने संभाली कमान?

पुलिस का कहना है कि सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान PWD के अधिकारी चला रहे हैं. पुलिस इस काम के लिए बैकअप दे रही है. पुलिस ने कहा कि भारी पुलिस बल की मौजूदगी में फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लगाई गई ग्रिल को शांतिपूर्वक तरीके से हटा लिया गया. काफी देर तक स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों के बीच नोक-झोक होती रही. हालात इतने गंभीर हुए कि पैरामिलिट्री फोर्स तक तैनात करनी पड़ी.

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अब विवाद वाली जगह का कैसा है हाल?

पुलिस कमिश्नर अमृता गुगुलोथ ने बताया कि गुरुवार को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाना था. उन्होंने कहा, 'हमें बुधवार को PWD की ओर से चलाए जा रहे अतिक्रमण रोधी अभियान के बारे में सूचना दी गई थी. मंदिर के पास लगी रेलिंग के जरिए फुटपाथ पर अतिक्रमण किया गया था और इसे शांतिपूर्वक हटा दिया गया. हमने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मदद की. कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य है.'

मंदिर के पास अब भी खड़े हैं प्रदर्शनकारी

पुलिस ने बताया कि मंदिर परिसर के पास एकत्र हुए स्थानीय लोगों ने अब विरोध-प्रदर्शन बंद कर दिया है, लेकिन वे अब भी सड़क के एक तरफ खड़े हैं. अतिक्रमण रोधी अभियान पूरा होने के बाद उन्होंने नारे लगाए और मंदिर में प्रार्थना में हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि ट्रैफिक की स्थिति नियंत्रण में है और वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है.

क्या है AAP सरकार का रुख?

PWD मंत्री आतिशी ने कहा कि तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया के विरोध के बावजूद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अतिक्रमण रोधी अभियान की अनुमति दी थी. दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित संलिप्तता के लिए सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आतिशी ने पीडब्ल्यूडी मंत्री का पद संभाला है.

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AAP ने राज्यपाल पर लगाया मंदिर तोड़ने का आरोप

 

आतिशी ने कहा, 'मंडावली में दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश पर मंदिर तोड़ा जा रहा है. जब इस मामले से जुड़ी फाइल तत्कालीन गृह मंत्री मनीष सिसोदिया के पास भेजी गई तो उन्होंने इसका विरोध किया था. उपराज्यपाल साहब ने मनीष सिसोदिया के फैसले को पलट दिया. सिर्फ मंडावली में ही नहीं, उन्होंने दिल्ली में 10 अन्य मंदिरों को भी तोड़ने का फैसला किया है.'

मंत्री ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा है कि मंदिरों को तोड़ने की फाइल सीधे उन्हें भेजी जाएंगी, चुनी हुई सरकार को नहीं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध करती है और इसीलिए पार्टी के कार्यकर्ता बुधवार शाम से ही मंडावली में मौके पर मौजूद हैं. (इनपुट: भाषा)

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