Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

भारत-श्रीलंका की सुरक्षा डील में सबसे बड़ा रोड़ा है चीन, जानिए कैसे

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जब रानिल विक्रमसिंघे प्राइवेट लंच पर मिल रहे थे, तभी चीन के अधिकारी कोलंबो पर नजर रख रहे थे. भारत-श्रीलंका की दोस्ती पर चीन की कड़ी नजर है. जानिए कैसे.

भारत-श्रीलंका की सुरक्षा डील में सबसे बड़ा रोड़ा है चीन, जानिए कैसे

रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो-PTI)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बीच हुई मुलाकात में सुरक्षा मुद्दों पर एक आम सहमति बनी है. भारत के साथ डील के बीच चीन के अधिकारी कोलंबे में डटे हुए थे. भारत, श्रीलंका के साथ हर मोर्चे पर खड़ा है लेकिन चीन की मौजूदगी, भारत को सकते में डाल देती है. 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जब शुक्रवार को रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की तो उन्होंने यह जता दिया कि जब श्रीलंका 2021 में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा था, तब भारत ही था जिसने संकट मोचक की भूमिका निभाई थी. 

भारत ने यह भी कह दिया है कि कोलंबो अगर किसी तीसरी ताकत के साथ जाता है तो उसे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखना चाहिए. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे इस बात पर सहमत हुए कि श्रीलंका भारत की रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होगा.

इसे भी पढ़ें- बीरेन सिंह: ये हैं देश के सबसे चर्चित मुख्यमंत्री, जिनकी आंखों के सामने जलाया जा रहा मणिपुर

चीन का कर्ज, श्रीलंका-भारत की दोस्ती में रोड़ा

पीएम मोदी और राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने एक घंटे से ज्यादा वक्त तक लंच पर बातचीत की. चीन की मौजूदगी इस कार्यक्रम में खल रही थी. बीजिंग बेल्ट रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत कोलंबो को जोड़ना चाहता है. श्रीलंका से चीन ने भीषण कर्ज लिया है, जिसकी वजह से उन पर लगातार कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है. 

जब साल 2021 में दुनिया श्रीलंका से दूरी बना रही थी, तब भारत ने न केवल राजनीतिक संकट से उबरने में मदद की, बल्कि पेट्रोल-डीजल से लेकर अपने खजाने तक श्रीलंका के लिए खोल दिया. भारत, ने श्रीलंका की हर संभव मदद की.

श्रीलंका के साथ हर कदम पर खड़ा है भारत लेकिन चीन...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जता दिया है कि भारत आर्थिक संकट के वक्त श्रीलंका की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर अहम चर्चा हुई. भारत अब श्रीलंका के साथ भविष्य में डिजिटल, तेल, बिजली, सड़क और रेल कनेक्टिविटी पर पर काम करेगा. भारत इस आइलैंड नेशन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर देगा. 

भारत और श्रीलंका की दोस्ती कितनी अहम?

श्रीलंका जब आर्थिक बदहाली का शिकार नहीं हुआ था, तब रानिल विक्रमसिंघे ने भारत और श्रीलंका के बीच 27 किलोमीटर लंबे संभावित रामेश्वरम-तलाई मन्नार संरेखण पर एक पुल बनाने का सुझाव दिया था, जिसे पीएम मोदी ने मंजूर कर लिया था. पाक जलडमरूमध्य के इस विशेष क्षेत्र में समुद्र की गहराई भी अनुकूल है क्योंकि वहां केवल एक से तीन मीटर गहरा पानी है. इस क्षेत्र में एक पुल आसानी से बनाया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- ​​​​​​​Manipur Violence: मैतेयी हिंदू और ईसाई नगा-कुकी का संघर्ष धार्मिक? समझें पूरी कहानी

दोनों देशों ने समुद्री कनेक्टिविटी जरिए कोलंबो, त्रिंकोमाली और कांकेसंथुराई में बंदरगाहों और लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर जोर दिया है. अब दोनों देश इन इलाकों में अहम भागीदारी निभाएंगे. हवाई कनेक्टिविटी, ऊर्जा और बिजली कनेक्टिविटी के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा पर भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है.

चीन है दोस्ती की राह में रोड़ा

जब लैंड ब्रिज का प्रस्ताव पहली बार रखा गया था तभी यह चर्चा छिड़ी थी कि दोनों देशों के कनेक्टिंग ब्रिज के साथ-साथ तेल, गैस, बिजली पाइपलाइन भी बिछाई जा सकती है. दोनों देशों के बीच एक रेलमार्ग पुल बनाने की भी संभावना जताई जा रही है. जिस तरह तलाई मन्नार श्रीलंका की तरफ है, उसी तरह रामेश्वरम भी रेलमार्ग से जुड़ा है. भारत अब इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ सकता है लेकिन चीन का श्रीलंका में दखल, अब भी भारत को आशंकित कर रहा है.

यह भी पढ़ें: मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ ने क्यों किया ऐसा घटिया काम? 

भारत और श्रीलंका दोनों देशों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना होगा. इन योजनाओं को जमीन पर लागू करने के लिए हर कदम में सावधानी बरतनी होगी. चीन की श्रीलंकाई राजनीति में गहरी पैठ है. चीन नहीं चाहता है कि भारत के साथ श्रीलंका के बेहतर संबंध हों. चीन हमेशा, श्रीलंका पर मजबूत पकड़ रखना चाहता है लेकिन भारत की वजह से उसके इस सपने की राह में मुश्किलें कई हैं. श्रीलंका और भारत की दोस्ती के बीच चीन भी किसी मजबूत रोड़े से कम नहीं है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement