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Prithviraj: पृथ्वीराज चौहान राजपूत थे या गुर्जर? अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म पर छिड़ा है विवाद

राजपूतों का मानना है कि पृथ्वीराज चौहान राजपूत थे. दूसरा पक्ष कहता है कि वह गुर्जर थे. अब आम लोगों के लिए जान पाना मुश्किल है कि सही क्या है.

Prithviraj: पृथ्वीराज चौहान राजपूत थे या गुर्जर? अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म पर छिड़ा है विवाद

फिल्म पृथ्वीराज

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डीएनए हिंदी: इस शुक्रवार अभिनेता अक्षय कुमार की बहुचर्चित फिल्म पृथ्वीराज रिलीज होने वाली है. इस फिल्म को लेकर छिड़े कई तरह के विवादों के बीच एक बहस यह भी चल रही है कि सम्राट पृथ्वीराज राजपूत थे या गुर्जर. ये सवाल राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विवाद का विषय बना हुआ है.  राजपूतों का मानना है कि पृथ्वीराज चौहान राजपूत थे. दूसरा पक्ष कहता है कि वह गुर्जर थे. अब आम लोगों के लिए जान पाना मुश्किल है कि पृथ्वीराज को राजपूत माना जाए या गुर्जर!

गुर्जर समाज का क्या दावा है
गुर्जर समाज का कहना है कि फिल्म पृथ्वीराज रासो के आधार पर बन रही है. पृथ्वीराज रासो की रचना चंदबरदाई ने की थी. गुर्जर समाज के नेता पृथ्वीराज रासो में लिखी बातों को ही तथ्यामक रूप से खारिज करते हैं. उनका कहना है कि चंदबरदाई ने इसकी रचना पृथ्वीराज के 400 साल बाद की है और ये रचना पूरी तरह से काल्पनिक है. जी राजस्थान की रिपोर्ट के अनुसार गुर्जर समाज इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहता है कि पृथ्वीराज चौहान के दौर में संस्कृत भाषा में काव्य रचनाएं होती थीं. जबकि पृथ्वीराज रासो एक पिंगल महाकाव्य है. पश्चिमी राजस्थान की साहित्यिक भाषा डिंगल है. पूर्वी राजस्थान में जहां डिंगल और बृज भाषा मिक्स हो जाती है. उसे पिंगल भाषा कहते है. गुर्जर समाज का ये भी दावा है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे जिनके वंशज बाद में राजपूत में कंवर्ट हो गए थे. 

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क्या है राजपूत समाज का दावा
वहीं राजपूत समाज इस दावे को खारिज करता है कि पृथ्वीराज चौहान के वशंज गुर्जर से राजपूत में कंवर्ट हो गए थे. उनका कहना है कि हम अगर देवनारायण की फड़ पर भी विश्वास करें तो उसके मुताबिक गुर्जर खुद राजपूतों के वंशज है. देवनारायण की फड़ के मायने राजस्थान में प्रचलित उस धार्मिक परंपरा से हैं जिसमें कपड़े पर बने चित्रों के जरिए किसी कहानी को बताया जाता है. देवनारायण गुर्जर समाज के साथ बाकी समाजों के भी अराध्य देव हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. 

दोनों पक्ष अपने दावे पेश कर रहे हैं और इसी के साथ फिल्म की रिलीज से पहले दोनों पक्षों का फिल्म निर्माताओं पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि 3 जून को फिल्म की रिलीज के बाद इसे दर्शकों से कैसा रिस्पॉन्स मिलता है.

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