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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सपनों के कितने करीब भारत?

Abdul Kalam Vision 2020: देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 2002 में अपनी किताब में भारत की तमाम चुनौतियों का जिक्र किया था. 

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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सपनों के कितने करीब भारत?
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डीएनए हिंदीः देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने साल 2002 में Vision 2020 नामक एक किताब लिखी थी. उस किताब में साल 2020 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी सपने का जिक्र किया था. आज 27 जुलाई को उनकी 7वीं पुण्यतिथि पर जान लेते हैं कि उनके इस किताब में लिखे गए कुछ सपनों से हम कितनी दूर या पास खड़े हैं.  

रक्षा खरीद में स्वदेशी हिस्सेदारी हो 70 प्रतिशत के पार 
मिसाइलमैन अब्दुल कलाम का सपना भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का था. उन्होंने इस किताब में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों का हिस्सा तत्कालीन 30 प्रतिशत से बढ़कर भविष्य में 70 प्रतिशत करने के बारे में लिखा था. हालांकि साल 1990 में उनकी अध्यक्षता में बनी Self Reliance Review committee में भी वो इस बारे में कह चुके थे.  

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इस मामले में भारत उनके सपने के पास पहुंचता दिखाई दे रहा है. साल 2020-21 में भारत ने कुल 1,39,340 करोड़ के रक्षा खरीद की थी. इनमें स्वदेशी रक्षा खरीद का हिस्सा 63.6 प्रतिशत तक पहुंत गया है. वहीं साल 2022-23 के लिए इस लक्ष्य को बढ़ाकर 68 प्रतिशत कर दिया गया है.  

विश्व की GDP में हो 4 फीसदी की हिस्सेदारी  
कलाम साहब का सपना था कि भारत का साल 2020 तक विश्व की GDP (Gross Domestic Product) में 4 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी हासिल कर ले. विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार साल 2020 तक भारत की ग्लोबल GDP में हिस्सेदारी 3.10 % तक ही पहुंच पाई है.  

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देश की अन्न सुरक्षा के लिए चाहिए 340 मीलियन मीट्रिक टन खाद्यान  
अपनी किताब में अब्दुल कलाम ने भारत की बढ़ती आबादी की अन्न सुरक्षा के लिए देश में साल 2020 में 340 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) और दूध का 271 मिलियन मीट्रिक टन (MMT)  का लक्ष्य दिया था. वहीं सरकारी आकड़े बताते हैं कि साल 2020-21 में भारत का खाद्यान उत्पादन 316 MMT और दूध का उत्पादन 210 MMT ही रहा.  

शहरी आबादी बढ़कर हो 45 प्रतिशत  
साल 2000 तक भारत की करीब 70 प्रतिशत आबादी गावों में रहती थी. कलाम साहब का विजन था कि देश को विकसित होने के लिए साल 2020 तक देश की ग्रामीण आबादी कम होकर 55 प्रतिशत हो जानी चाहिए. इसका मतलब था कि बाकी गांवों का तेजी से शहरीकरण हों. वहां नई अर्थव्यवस्था के लिहाज से नए मौके बने.  वहीं विश्व बैंक के ताजा अनुमान के मुताबिक देश के ग्रामीण हिस्सो में अभी भी देश की 64.61 प्रतिशत आबादी रहती है.

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80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी हो साक्षर 
देश के विकास और शिक्षा का संबध सभी जानते हैं. कलाम जी ने साल 2020 तक देश की साक्षरता दर को 80 प्रतिशत पहुंचने का लक्ष्य रखा था. 2011 की जनगणना के अनुसार देश की 72.9 प्रतिशत आबादी साक्षर हो चुकी है. वहीं National Statistical Office (NSO) के डाटा के अनुसार साल 2021 में देश की साक्षरता दर 77.70 प्रतिशत पहुंच गई है. जिसमें से साक्षर पुरुषों की प्रतिशत 84.7 प्रतिशत और साक्षर महिलाओं का प्रतिशत 70.3 प्रतिशत हो गया है.

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