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Earthquake: 8 दिन में 13वीं बार भूकंप से कांपा जम्मू-कश्मीर, जानें क्यूं बार-बार हिल रही है धरती

धरती के अंदर 7 प्लेट होती है, जिन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहा जाता है. ये एकसाथ जुड़ी हुई हैं. इनमें हलचल से ही भूकंप आता है. हिमालय का पूरा एरिया भूकंप के प्रति संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यह टेक

Earthquake: 8 दिन में 13वीं बार भूकंप से कांपा जम्मू-कश्मीर, जानें क्यू�ं बार-बार हिल रही है धरती
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डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बुधवार को एक बार फिर धरती भूकंप के झटकों से हिल गई. राज्य में पिछले 8 दिन के दौरान भूकंप से धरती कांपने का यह 13वां मौका था.

इसके चलते अब आतंकवाद से पीड़ित इस राज्य के लोग पिछले डेढ़ सप्ताह से आतंकी नहीं बल्कि प्रकृति से डर रहे हैं. माना जा रहा है कि इतनी जल्दी-जल्दी भूकंप आना किसी बड़ी आपदा के आगमन के संकेत हैं. हालांकि विशेषज्ञ अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कह रहे हैं. 

रिक्टर स्केल पर 4.4 रही भूकंप की तीव्रता

जम्मू-कश्मीर के हेनली इलाके में दोपहर 4:43 बजे धरती ने अचानक कांपना शुरू कर दिया. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 आंकी गई है. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है। 

राज्य के नीचे टेक्टॉनिक प्लेट पर बढ़ रहा दबाव

राज्य में 23 अगस्त से 31 अगस्त के बीच 13 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा धरती जम्मू संभाग में डोली है. इस इलाके में लगातार डोल रही धरती खतरे का संकेत दे रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, टेक्टॉनिक प्लेट पर इस इलाके के किश्तवाड़, उधमपुर, कटड़ा और हिमाचल प्रदेश का चंबा इलाका टिका है. इस टेक्टॉनिक प्लेट पर किसी कारण से दबाव बढ़ा है, जिस कारण भारी ऊर्जा निकलकर भूकंप के झटकों में बदल रही है.

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क्या होती है टेक्टॉनिक प्लेट

पूरी धरती अंदर ही अंदर 7 प्लेट से मिलकर बनी है, जिन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहा जाता है. लिथोस्फेयरिक प्लेट भी कहलाने वाली टेक्टॉनिक प्लेट पहेलियों की तरह एक-दूसरे के साथ जुड़ी होती हैं. ये प्लेट एक जगह पर अटकी नहीं हैं, बल्कि पृथ्वी के मेंटल (Mantle) पर तैरती रहती हैं.

पृथ्वी के क्रस्ट और कोर के बीच की परत को मेंटल कहते है. इन प्लेट की गति के कारण पहाड़ों तथा महासागरों का निर्माण होता है. जहां प्लेट एक-दूसरे को धक्का देती हैं, वहां पहाड़ का निर्माण होता है. इसी तरह जहां प्लेट अलग होती हैं, वहां महासागर बनता हैं.

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रिक्टर स्केल पर भूकंप का असर

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप (काफी कमजोर होता है)
  • 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप (हल्का कंपन करता है)
  • 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप (हल्का से थोड़ा ज्यादा कंपन)
  • 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप (थोड़ा ज्यादा कंपन)
  • 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप (थोड़ा कम खतरनाक़)
  • 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप (खतरनाक़)
  • 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप (थोड़ा ज्यादा खतरनाक)
  • 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप (काफी खतरनाक़)
  • 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप ( विनाशकारी)

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