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Constitution of India: ऐसे लिखा गया था दुनिया का सबसे लंबा संविधान, जानिए दिलचस्प Facts

26 जनवरी के 1950 के ही दिन देश में संविधान को लागू किया गया था. एक नजर संविधान निर्माण से जुड़ी खास और दिलचस्प बातों पर

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  • Jan 26, 2022, 12:44 PM IST

हमें एक लोकतांत्रिक देश में रहते हुए सात दशक से ज्यादा का समय हो गया है. यह एक लंबा वक्त है अपने देश को जानने के लिए. देश के संविधान को समझने के लिए. लेकिन ऐसे कई तथ्य और किस्से हो सकते हैं जो शायद आपको अपने देश के संविधान के बारे में पता ना हों.
 

1.संविधान सभा की पहली मीटिंग

संविधान सभा की पहली मीटिंग
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9 दिसंबर 1946 को संविधान सभागृह (आज का संसद भवन सेंट्रल हॉल) में संविधान सभा की पहली बैठक हुई. संविधान सभा को संबोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति जे. बी. कृपलानी थे. 11 दिसंबर को राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के सभापति नियुक्त हुए.
 



2.ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन

ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन
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29 अगस्त 1947 को संविधान सभा का ड्राफ्ट बनाने वाली कमेटी का गठन किया गया. 4 नवंबर को इसका पहला ड्राफ्ट जमा कराया गया. 
 



3.दुनिया का सबसे लंबा संविधान

दुनिया का सबसे लंबा संविधान
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26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनी स्वीकृति दी थी. 24 जनवरी 1950 को हस्तलिखित संविधान पर हस्ताक्षर किए गए और इसे लागू किया गया 26 जनवरी 1950 को. 



4.2 साल से ज्यादा समय लगा

2 साल से ज्यादा समय लगा
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एकदम सही से गणना करें तो संविधान का अंतिम ड्राफ्ट लिखकर तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसमें कुल 1,17, 369 शब्द दर्ज हैं.



5.2000 बार हुए संशोधन

2000 बार हुए संशोधन
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अंतिम रूम में पहुंचने से पहले संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2000 संशोधन किए गए थे. साल 2020 के जनवरी महीने तक भारतीय संविधान में इसके लागू होने के बाद से अब तक 104 बार संशोधन किया जा चुका है. 

Graphics Credit- Samarth Saraswat



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