Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Delhi में फिर Gym पर लगे ताले, क्यों इस इंडस्ट्री पर पड़ती है Coronavirus की पहली मार?

येलो अलर्ट होते ही सबसे पहला असर जिम पर पड़ता है. सरकार की ओर से कोई मदद भी नहीं दी जाती है.

Latest News
Delhi में फिर Gym पर लगे ताले, क्यों इस इंडस्ट्री पर पड़ती है Coronavirus की पहली मार?

The Hype Gym.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: दिल्ली में जैसे ही कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं, पहला असर जिम इंडस्ट्री पर देखने को मिलता है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की वजह से येलो अलर्ट (Yellow Alert) होते ही जिम (Gym) को बंद कर दिया जाता है. राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते ओमिक्रॉन (Omicron) मामलों की वजह से स्पा, जिम, योग केंद्र और एंटरेटनमेंट पार्क एक बार फिर बंद हो गए हैं. जिम इंडस्ट्री कोरोना की दूसरी लहर बीतने के बाद किसी तरह पटरी पर लौट रही थी तभी एक बार फिर जिम सेंटर्स पर ताला लग गया.

हाइप द जिम (Hype the Gym) के संचालक दीपक ने डीएनए हिंदी के साथ बातचीत में कहा कि येलो अलर्ट होते ही सबसे पहला असर जिम पर पड़ता है. सरकार की ओर से कोई मदद भी नहीं दी जाती है. प्रतिबंधों की वजह से स्टाफ को सैलरी और जिम सेंटर का किराया देना भी मुश्किल हो जाता है.

'जब भी कोरोना आता है सबसे पहले जिम बंद होता है. किराया से लेकर इंस्टालमेंट तक रुक जाता है. जिम के इक्विपमेंट महंगे होते हैं. लोग लेटेस्ट इंस्ट्रूमेंट की मांग करते हैं. जिन्हें लाने में अच्छी-खासी रकम खर्च होती है. लेकिन एक बार के लॉकडाउन में कर्ज का बोझ और बढ़ जाता है.' -दीपक, हाइप द जिम (Hype the Gym) के संचालक.

दीपक ने यह भी कहा कि हालांकि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबको सहयोग भी करना होगा तभी इस पर काबू पाया जा सकता है.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर को मिलाकर देखें तो करीब 17 महीने जिम इंडस्ट्री के लिहाज से अच्छे नहीं रहे. मार्च 2020 से ही जिम इंडस्ट्री में रौनक पहले की तरह नहीं लौटी.

सूरज हाइप जिम में स्टाफ ट्रेनर हैं. सूरज कहते हैं कि कोरोना का सबसे बुरा असर जिम इंडस्ट्री पर ही पड़ता है. अब एक बार फिर ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों की वजह से जिम बंद कर दिया है. न बाजारों पर प्रतिबंध है, न चुनावी रैलियों पर लेकिन जहां लोग सेहत बनाने जाते हैं उसी को बंद करना सरकार को सही लगता है. 

जिम बंद होते ही रुक जाती है स्टाफ की सैलरी

सूरज ने डीएनए हिंदी से बातचीत में कहा कि एक जिम में आमतौर पर कम से कम 7 से 8 स्टाफ होते हैं. जिस सेंटर का किराया कम से कम 50 से 60,000 होता है. लॉकडाउन होते ही जिम के पास पैसे आने बंद हो जाते हैं. यही वजह है कि स्टाफ की सैलरी भी रुक जाती है. महीनों तक पहली और दूसरी लहर में सैलरी रुकी रही. एक बार फिर सैलरी पर संकट मंडराता नजर आ रहा है.

Gym Trainer

सूरज ने कहा कि जब जिम लॉकडाउन के बाद खुलते भी हैं तो भी पहले की तरह लोग नहीं आते. शुरुआती दिनों में 10 से 15 लोग भी बहुत मुश्किल से आते हैं. स्टाफ की सैलरी आधी से भी कम हो जाती है. यह कोरोना हर बार जिम इंडस्ट्री पर कहर बनकर टूटता है.

तीसरी बार जिमों पर लटके ताले

प्रशांत भी हाइप जिम में ट्रेनर हैं. उन्होंने कहा कि 2 बार के लॉकडाउन के बाद ये तीसरी बार है जब जिम को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. जिम में आने वाले ज्यादातर यूथ वही हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. जिम में सैनिटाइजेशन से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है. जिम आने वाले लोग भी मास्क और दूसरे कोरोना नियमों का पालन करते हैं लेकिन फिर भी जिम को बंद कर दिया जाता है.

Gym Trainer

प्रशांत ने कहा कि बाजारों में पहले की तरह ही भीड़ है. होटलों में भी उतने लोग नजर आते हैं. सड़कों पर भी लोग चल रहे हैं. पेट्रोल पंप पर जबरदस्त भीड़ नजर आती है. शराब के ठेकों पर भी भीड़ दिखती है. शराब पीने से शरीर की बर्बादी होती है लेकिन जिम नहीं खोलती है सरकार. जिम करने से शरीर फिट रहता है. जिम इंडस्ट्री भी सरकार को पैसे देती है फिर क्यों जिम पर मार पड़ती है.

Delhi में कितने जिमों पर पड़ता है बंदी का मार?

दिल्ली जिम एसोसिएशन लगातार केजरीवाल से मांग कर जिम खोल दिए जाएं. दिल्ली में करीब 5,000 से ज्यादा एक्टिव जिम हैं. पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर के ए ब्लॉक में कोविड से पहले 3 से 4 जिम थे. आज सारे जिम बंद हो गए हैं या किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गए हैं. जिमों उद्योग पर संकट मंडरा रहा है. जिम संचालकों का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई वित्तीय सहायता तालाबंदी के दौरान नहीं मिलती है. ऐसे में कैसे लोग जिम इंडस्ट्री को आने वाले दिनों में जिंदा रख सकेंगे, यह एक बड़ा सवाल है. गोल्ड, हाइप, कल्ट, फिटनेशन एक्सटेंशन और प्लेटिनम जैसे तमाम जिमों पर एक बार फिर ताला लटक गया है.

Gym Trainer

बिहार में भी डरे हुए हैं जिम संचालक!

बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) में रहने वाले अमन कौशिक फिटनेस जिम के संचालक हैं. उन्होंने कहा है कि अब लोगों को डर लग रहा है कि कहीं जिम बंद न हो जाए. देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लौट रहे हैं ऐसे में बिहार में भी ऐसी स्थितियां सामने आ सकती हैं. मुंगेर में भले ही ओमिक्रॉन के मामले न आए हों लेकिन हमें डर है कि कहीं यहां भी लॉकडाउन न लग जाए. अगर लॉकडाउन लग गया तो हाल बेहाल रहेगा.

Gym Trainer

अमन कौशिक ने कहा कि जिम में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रख पाना मुश्किल है. मास्क लगाकर जिम किया नहीं जा सकता. अगर जिम को आधी क्षमता से खोलने की इजाजत सरकार देगी तो भी हम जिम नहीं खोलेंगे. जिम में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बरकरार रखी जा सकती है. हालांकि अभी बिहार में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है.

जिम बंद हों या खुले रहें, क्या कहते हैं डॉक्टर?

टीबी रोग और चेस्ट स्पेशलिस्ट (Pulmonologists) डॉक्टर नलिन जोशी ने डीएनए हिंदी से बातचीत में कहा कि किसी भी वायरस (Virus) के फैलने की सबसे बड़ी वजह होती है हवा और ड्रॉपलेट. लार या सांस की वजह से निकलने वाले ड्रॉपलेट के फैलने की आशंका सबसे ज्यादा जिम में होती है. मास्क लगाकर जिम करना गलत है, शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी हो सकती है. कई स्टडी में ऐसी बातें सामने आई हैं कि जिम लगाकर दौड़ने से मौत भी हुई है. 

डॉक्टर नलिन ने कहा कि ज्यादातर जिम एयर कंडीशंड होते हैं, जहां वेंटिलेशन की बेहतर व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में वायरस के फैलने की आशंका और भी ज्यादा होती है. कोरोना वायरस (Coronavirus) एक एयरबॉर्न डिजीज है. ऐसी स्थिति में जिम में एक्सरसाइज के दौरान हाई ब्रीदिंग नॉर्मल बात है. हाई ब्रीदिंग होने की वजह से यह वायरस और ज्यादा फैल सकता है. ओमिक्रॉन बेहद संक्रामक है ऐसे में जिम बंद करना बेहतर विकल्प है.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement