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पापा की शेरनी से Miss Universe तक, कैसा रहा Harnaaz Sandhu का सफर? जानें

हरनाज़ कौर तीसरी भारतीय हैं जिन्होंने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता है.

पापा की शेरनी से Miss Universe तक, कैसा रहा Harnaaz Sandhu का सफर? जानें

Harnaaz Sandhu (File Photo source: harnaazsandhu_03)

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डीएनए हिंदी: मिस यूनिवर्स 2021 (Miss Universe) हरनाज़ कौर संधू (Harnaaz Kaur Sandhu) इन दिनों चर्चा हैं. सुष्मिता सेन (1994) और लारा दत्ता (2000) के बाद तीसरी महिला हैं जिन्होंने ये खिताब अपने नाम किया है. हरनाज़ पंजाब (Punjab) के एक सामान्य परिवार से आती हैं. इजरायल में हुए इस सौंदर्य प्रतियोगिता में उन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है. हरनाज़ गुरदासपुर के कोहाली गांव से आती हैं. उनकी जीत का जश्न उनके गांव में भी लोगों ने मनाया.

हरनाज़ कौर ने सौंदर्य प्रतियोगिताओं में अपनी सफलता की कहानी, डीएनए के साथ शेयर की. पढ़ें उनका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू-

मुग्धा कपूर: मिस यूनिवर्स बनने तक का कैसा रहा आपका सफर?

हरनाज़ कौर संधू: मेरी जिंदगी इन तीन शब्दों के इर्द-गिर्द घूमती है. मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं. सहज रहती हूं और अपने लक्ष्य पर हमेशा मेरा ध्यान रहता है. अपने पूरी जर्नी के दौरान मेरा भरोसा इन तीन शब्दों पर रहा है. यही मेरी जीत की वजह है.

मुग्धा कपूर: आपके सबसे बड़े सपोर्टर कौन रहे हैं?
 
हरनाज़: मुझे जिन लोगों ने प्रेरणा दी या जिन लोगों ने दबाने की कोशिश की, वही मेरे सबसे बड़े सपोर्टर रहे हैं. हर किसी की अपनी एक राय होती है, जिसका हमें सम्मान करना चाहिए. मेरे दोस्त और परिवार हमेशा मेरे लिए मददगार रहे हैं. मुझे यही मजबूत बनाते हैं.

मुग्धा: आपने पहला अवार्ड जीतने से पहले अपने परिवार को क्यों नहीं बताया?

हरनाज़ संधू: मेरे पिता अलग बैकग्राउंड से आते हैं. मेरे पिता एक किसान के बेटे हैं. मेरे लिए उन्हें फैशन और फिल्म इंडस्ट्री के बारे में समझाना मुश्किल था. जब आप कहीं आगे बढ़ते हैं तो जनरेशन गैप की समस्या आती है. लेकिन मेरी मां को मेरी प्रतिभा पर हमेशा से यकीन था, मेरी सफलता की यात्रा में हमेशा उन्होंने सपोर्ट किया है. मेरी मां हमेशा मुझे सपोर्ट करती हैं जो मैं करना चाहती हूं. मेरे लिए मुश्किल था कि पिता को इस बारे में समझाऊं. लेकिन उन्हें समझाना असंभव नहीं था. उन्होंने बाद में मेरे पैशन को समझा. उन्होंने मुझे पंजाब की शेरनी कहा. जब मैंने क्राउन जीता तब उन्होंने मुझे भारत की शेरनी कहा. अब मुझे वे युनिवर्स शेरनी बुला सकते हैं. जैसे ही उन्हें मेरे पैशन के बारे में पता चला वे मान गए. मुझे लगा कि जनरेशन गैप की वजह से मुझे उन्हें समझाने में दिक्कत होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हमें लगता है कि वे हमें नहीं समझेंगे लेकिन ये हमें समझाना होगा कि हम करना क्या चाहते हैं.

मुग्धा: प्रशंसकों को क्या देना चाहेंगे सलाह?

हरनाज़ संधू: अपने प्रशंसकों से और युवाओं से यही कहना चाहूंगी कि अपने परिवार का हमेशा सपोर्ट रखें. मेरे परिवार ने सपोर्ट किया इस वजह से मैं यहां तक पहुंची. यही मेरी सफलता का वजह है.

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