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शरीर में विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए सप्लिमेंट लेना हो तो रखें इन बातों का ध्यान

Effect of Vitamin D: विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अब्जॉर्बशन में मदद करता है. इससे हड्डियां मजबूत होती हैं. यह इम्यून सिस्टम से लेकर मसल्स फंक्शन, कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है. और तो और यह हमारे मेंटल हेल्थ के लिए भी बेहद जरूरी विटामिन है.

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शरीर में विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए सप्लिमेंट लेना हो तो रखें इन बातों का ध्यान

विटामिन डी सप्लिमेंट लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान.

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डीएनए हिंदी :  ह्यूमन बॉडी दरअसल एक तरह की मशीन है, जिसे चलने के लिए कई तरह के ईंधन यानी पोषक तत्त्व की जरूरत होती है. ऐसा ही एक पोषक तत्त्व है विटामिन डी. सही मायने में यह मल्टिपल इम्पैक्ट वाला विटामिन है. हड्डी और मसल्स के लिए तो यह जरूरी है ही. यह हमारे मेंटल हेल्थ के लिए भी बेहद जरूरी विटामिन है.
दरअसल विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अब्जॉर्बशन में मदद करता है. इससे हड्डियां मजबूत होती हैं. यह इम्यून सिस्टम से लेकर मसल्स फंक्शन, कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है. पर भारतीय समाज में और खासकर भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की डिफेसेंसी की शिकायत अक्सर सुनने में आती है. पर्याप्त धूप न लेने और अपनी डाइट का ख्याल न रखने से इसकी कमी होती है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शरीर को बाहर से विटामिन डी दिया जाए. अक्सर लोग इसके लिए सप्लिमेंट लेना शुरू करते हैं. यह सच है कि विटामिन डी सेहत बनाए रखने में मददगार होता है. लेकिन क्या विटामिन डी सप्लिमेंट समय कई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.

विटामिन डी टेस्ट

कई बार पढ़े-लिखे लोग भी लक्षणों के आधार पर लोग खुद ही तय कर लेते हैं कि उनके शरीर में विटामिन डी की कमी है और वे इसका सप्लिमेंट लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन यह तरीका सही नहीं है. अगर बॉडी में विटामिन डी के लेवल कम होने का जरा भी संदेह है तो सबसे पहले इसका टेस्ट करवाएं. इससे यह पता लग जाएगा कि वाकई आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं. और अगर है तो कितना डोज लेना सही होगा. ध्यान रखें कि विटामिन डी का ओवरडोज शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.

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डॉक्टर से संपर्क

टेस्ट करवाने के बाद भी अनुमान के आधार पर विटामिन डी सप्लिमेंट न लें. अपनी टेस्ट रिपोर्ट के साथ डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह पर ही विटामिन डी सप्लिमेंट लेना शुरू करें. 

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डोज का रखें ख्याल

कई बार अतिउत्साही लोग बॉडी में विटामिन डी लेवल बढ़ाने के लिए सप्लिमेंट का ओवरडोज शुरू कर देते हैं. ऐसा करना घातक हो सकता है. बेहतर हो कि डॉक्टर से अपनी डोज के संबंध में अच्छी तरह समझ लें और उसी के अनुसार सप्लिमेंट लें. 

डाइट न करें नजरअंदाज

ऐसा नहीं है कि विटामिन डी के सप्लिमेंट से आपके शरीर की हर जरूरत पूरी हो जाती है. यह हमेशा याद रखें कि विटामिन डी के सप्लिमेंट के बावजूद आपको अपनी संतुलित डाइट लेनी है. इसलिए डाइट को नजरअंदाज न करें और डाइट में विटामिन डी रिच फूड्स जरूर शामिल करें.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले हमेशा अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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