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World Pneumonia Day : छाती में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ निमोनिया के हैं लक्षण, जरा सी लापरवाही ले सकती है जान

निमोनिया के इलाज में जरा सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है और यही कारण है कि इससे बचाव के लिए हर साल आज के दिन विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है.

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World Pneumonia Day : छाती में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ निमोनिया के हैं लक्षण, जरा सी लापरवाही ले सकती है जान

छाती में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ निमोनिया के हैं लक्षण, जरा सी लापरवाही ले सकती है जान  

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डीएनए हिंदीः निमोनिया (Pneumonia) के शिकार अमूमन बच्चे ज्यादा होते हैं लेकिन इसे बड़े भी अछूते नहीं रहते हैं. ज्यादातर इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जिनके इम्युनिटी कमजोर (Weak Immunity) होती हैं लेकिन कई बार ये ठंड और कई अन्य बीमारियों की वजह से भी हो सकता है. निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण (Infection) है जो सीधा फेफड़ों को प्रभावित (Affected Lungs))  करता है. निमोनिया हो के बाद बहुत ही सावधानी बरतनी होती है क्योंकि ये बेहद खतरनाक होती है और जरा सी लापरवाही जान तक ले सकती है. 

12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (world pneumonia day 2022) पर निमोनिया के साथ इसके लक्षण और दवाइयों के साथ-साथ कौन से घरेलू नुस्खे (Home remedies for pneumonia) इसे ठीक करने में मददगार साबित होंगे.

क्या है निमोनिया (Pneumonia)
निमोनिया फेफड़ों से जुड़ा संक्रमण होता है जिसमें फेफड़ों में मौजूद हवा की थैली तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है. सांस लेने में तकलीफ के साथ भयानक खांसी, बलगम, ठंड के साथ बुखार आने लगता है. इसके सबसे आम कारणों में बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और कई अन्य प्रकार के माइक्रोऑर्गेज्म शामिल होते हैं.

निमोनिया के आम लक्षण (Symptoms of pneumonia)

  • सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द होना.
  • जी मचलना, उल्टी या दस्त होना.
  • कफ और बलगम वाली खांसी होना.
  • जरूरत से ज्यादा थकान महसूस करना.
  • बुखार, पसीना और कंपकंपी होना.
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस होना.
  • छाती से घड़गड़ की आवाज आना.
  • होंठ का नीला पड़ना
  • बुखार का 104 डिग्री तक पहुंचना
  • कई बार थूक से खून आना

घरेलू उपचार निमोनिया के संक्रमण से लड़ने  में करेंगे मदद (home remedies for pneumonia)

नमक के पानी से गरारे करें
निमोनिया में गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारा करते रहना चाहिए. इससे गले से लेकर लंग्स तक में फंसे बैक्टिरिया मरते हैं और बलगम साफ होता है. इसे दिन में कम से कम तीन बार दोहराएं.

पिपरमिंट टी आजमाएं
पिपरमिंट में एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है और बलगम को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए इसकी चाय पीएं. इसके लिए नींबू और शहद मिलाकर गर्म पानी तैयार करें और इसमें पिपरमिंट मिला लें और इसे पीएं. 

एक कप कॉफी भी होती है कारगर
अगर छाती में जकड़न से सांस लेना मुश्किल हो रहा तो एक कप कॉफी पीना बहुत कारगर होगा. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन कि रिपोर्ट बताती है कि कैफीन लंग्स के एयरवेज को खोल देता हैए इससे फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच पाता है.

हल्दी भी है फायदेमंद
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2020 में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि हल्दी में करक्यूमिन एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीऑक्सीडेंट से भरी होती है और ये निमोनिया के लक्षणों को कम करने में बहुत ही कारगर है. इसका काढ़ा पीने से सीने के दर्द से भी राहत मिलती है

अदरक की चाय भी है असरदार
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की रिपोर्ट में अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी और पेन रिलीविंग प्रॉपर्टी निमोनिया में भी बहुत कारगर है. इसका काढ़ा पीने से छाती में जमा बलगम बाहर निकल आता है और सीने के दर्द से भी राहत मिलती है.

मेथी के बीज की चाय रहेगी फायदेमंद
जर्नल ऑफ सऊदी सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस द्वारा 2018 में प्रकाशित स्टडी में मेथी के बीज के चाय पीना भी बहुत फायदेमंद होता है. इससे शरीर में गर्मी होती है और पसीना आने से बुखार में शरीर ठंडा होता है और इससे बुखार सिर पर चढ़ने नहीं पाता. 

उपचार से बचाव है बेहतर (Prevention is better than cure)

  • यदि ऑफ अस्थमा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं तो इन समस्याओं का खास ध्यान रखें.
  • नियमित रूप से दोनों हाथों को अच्छी तरह धोएं. यह बैक्टीरिया और जर्म्स को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है.
  • खांसते और छीकते वक़्त रुमाल का इस्तेमाल करें. साथ ही अपनी हथेलियों और कपड़ों से मुंह न ढकें.
  • घर की उन सभी जगहों को साफ रखें, जिन्हें बार-बार छूती हैं.
  • धूम्रपान की आदत को पूरी तरह छोड़ दें. पेसिव स्मोकिंग भी आपके लिए घातक हो सकती है. इसलिए धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आने से भी बचें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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