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Migraine Vs Stroke: तेज सिरदर्द को हल्के में ना लें, माइग्रेन और स्ट्रोक में क्या है अंतर, कैसे पहचानें

Migraine And Stroke दोनों में ही तेज सिरदर्द होता है लेकिन दोनों में अंतर है, आईए जानते हैं कारण, लक्षण

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Migraine Vs Stroke: तेज सिरदर्द को हल्के में ना लें, माइग्रेन और स्ट्रोक में क्या है अंतर, कैसे पहचानें
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डीएनए  हिंदी: Difference Between Migraine and Stroke- आजकल की भागती हुई जिंदगी में सिर दर्द होना हम सब के लिए एक आम समस्या है. सिरदर्द अक्सर एक पेनकिलर खाने से ठीक हो जाता है लेकिन कई बार ये ठीक नहीं होता है और दर्द बढ़ जाता है, बड़ी कोई बीमारी का रूप ले लेता है, जैसे स्ट्रोक इन्हीं मे से एक बीमारी है.  

क्या होता है स्ट्रोक? 

जब हमारे मस्तिष्क तक रक्त की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुंचती है, तब उसे स्ट्रोक खतरा होता है. 

इस्केमिक स्ट्रोक- इसमें दिमाग तक खून की स्पलाई करने वाली आर्टरी ब्लाक हो जाती है, जिस कराण हमारे ब्रेन सेल खत्म होने लगते हैं

हेमरेजिक स्ट्रोक- यह एक बढ़ा रूप है, जिसमें दिमाग के भीतर ही आर्टरी फट जाती है और रक्त का बहाव मस्तिष्क में होने लगता है 

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कैसे करें माईग्रन या स्ट्रोक की पहचान? 

देखा गया है शोध के 65% मामलों में लोगों को स्ट्रोक से जुड़ा सिरदर्द एंव माईग्रन का दर्द होता है. इसका फर्क शुरुआती स्टेज पर समझ में नहीं आता. स्ट्रोक में आपको बेहद तेज दर्द होता है जो आपको स्ट्रोक पड़ने के कुछ सेकेन्ड या कुछ मिनिट बाद पता चलता है. रिसर्च की माने तो ब्रेन में किस जगह पर दर्द है उससे स्ट्रोक का पता चलता है. मसलन कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज से माथे में दर्द हो सकता है जबकि दिमाग के पिछले हिस्से की आर्टरी में ब्लॉकेज से सिर के पिछले भाग में दर्द होता है. 

बहुत से मामलों में इन दोनों के बीच फर्क कर पाना मुश्किल होता है क्योंकि दोनों ही दर्द बहुत तेज़ होते है और दोनों में चक्कर आने की संभावना है. लक्षणों में अंतर देखने पर मालूम होता है कि माईग्रन के दर्द में तेज़ रोशनी की कौंध दिखने लगती है और स्किन में जलन महसूस होने लगती है तो वहीं स्ट्रोक के सिरदर्द में दिखाई या सुनाई देना दोनों ही प्रभावित हो जाता है. इसके अलावा माइग्रेन के सिरदर्द के खास ट्रिगर होते हैं, वहीं स्ट्रोक का सिरदर्द बिना किसी ट्रिगर के होता है. स्ट्रोक के सिरदर्द के लक्षण है जैसे- शरीर के एक हिस्से का सुन्न पड़ना या एक हिस्से में बेहद कमजोरी महसूस करना, ज़ुबान लड़खड़ाना और नजर का धुंधला हो जाना, दूसरों की बातें समझ पाने में दिक्कत होना आदि

स्ट्रोक होने पर कब जाएं हॉस्पिटल ? 

आप लोग यह सोच रहें होगें की दोनो तरिकों के दर्द में इतनी समानताएं है तो हॉस्पिटल जाने का निर्णय कब और कैसे लें? इसमें आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा- अगर आपकी उम्र 60 से अधिक है, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है, परिवार में स्ट्रोक का इतिहास है या फिर आप धूम्रपान करते हैं और उपर बताए गए लक्षणों के साथ अचानक तेज सिरदर्द होता है, तब आपको हॉस्पिटल जाना चाहिए. स्ट्रोक पड़ने पर आपकी जिंदगी और मौत का फैसला आपकी समझदारी पर निर्भर करता है. इसलिए किसी भी प्रकार के सिरदर्द को मामूली ना समझे और नज़दीकी डॉक्टर से संपर्क करें

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