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Milk Side Effects: इन 4 बीमारियों में भूलकर भी न पिएं दूध, शरीर में जाकर बन जाता है जहर

दूध पीना भी कई बार नुकसानदायक हो जाता है. कुछ बीमारियों में दूध पीने का मतलब है शरीर में जहर को घोलना.

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Milk Side Effects: इन 4 बीमारियों में भूलकर भी न पिएं दूध, शरीर में जाकर बन जाता है जहर

Milk Worst Effects On Body

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डीएनए हिंदीः दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है, जो बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. दूध का सेवन हमारी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के लिए महत्वपूर्ण है. दूध में पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें मुख्य रूप से कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सेलेनियम, जिंक, विटामिन डी, प्रोटीन, विटामिन बी12 और जिंक मौजूद होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं. दू

ध पीने से अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं. दूध के सेवन से ब्लड प्रेशर के मरीजों को फायदा होता है. अगर रात को सोने से पहले दूध का सेवन किया जाए तो रात को आरामदायक नींद आती है. दूध त्वचा और बालों के लिए बहुत जरूरी है. दूध के नियमित सेवन से शरीर की थकान और कमजोरी दूर होती है. लेकिन कुछ लोगों को दूध बर्दाश्त नहीं होता. दूध का सेवन करने से उनके शरीर में कई बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जी हां कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनमें अगर दूध या इसके प्रोड्कट को यूज किया जाए तो बीमारी बढ़ने लगती है.

यदि आप लैक्टोज असहिष्णु हैं तो दूध न पिएं
लैक्टोज असहिष्णुता एक प्रकार का एंजाइम है जो छोटी आंत में उत्पन्न होता है. जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में लैक्टोज का उत्पादन नहीं होता है. फिर लैक्टोज असहिष्णुता की समस्या आती है. इस बीमारी में शरीर में लैक्टोज का उत्पादन कम होने लगता है जिसके कारण व्यक्ति को पेट फूला हुआ महसूस होने लगता है. लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित लोगों को दूध पच नहीं पाता है. ऐसे लोगों को दूध पीने के बाद गैस, पेट दर्द, दस्त और पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं. अगर आप लैक्टोज असहिष्णु हैं तो आपको दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.

अगर आपको कोलाइटिस की समस्या है तो भूलकर भी दूध न पिएं
अगर आप अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित हैं तो आपको भूलकर भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें अघुलनशील फाइबर, लैक्टोज और चीनी अधिक होती है, अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं. दूध, दही, पनीर, आइसक्रीम जैसे अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन रोग को बढ़ा सकता है.

अगर आपको फैटी लीवर की समस्या है तो दूध का सेवन न करें

फैटी लीवर वाले लोगों को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. लिवर की समस्या वाले लोग अगर दूध पीते हैं तो उनके लिए इसे पचाना आसान नहीं होता है. दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जो फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकता है. लीवर की समस्या में दूध पीने से गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है.

सियाटिका पेन में दूध से बचें

पनीर, दूध और दही जैसे डेयरी उत्पाद कुछ लोगों में सूजन पैदा कर सकते हैं. यह सूजन कटिस्नायुशूल दर्द को बढ़ा सकती है और इसे प्रबंधित करना कठिन बना सकती है. यदि आप डेयरी के प्रति संवेदनशील हैं, तो आपको इन उत्पादों से बचना चाहिए या बादाम दूध या सोया-आधारित दही जैसे गैर-डेयरी विकल्प चुनना चाहिए.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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