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Medical Facts: किसको नहीं दिया जाता है Anaesthesia, क्या होता है Pre- Anaesthesia चेकअप

किसी मरीज का ऑपरेशन होता है तो उसे बेहोश एनेस्थीसिया के द्वारा किया जाता है पर इसके लिए कई चीज़ों का ध्यान रखा जाता है.पुष्पेंद्र कुमार की रिपोर्ट.

Medical Facts: किसको नहीं दिया जाता है Anaesthesia, क्या होता है Pre- Anaesthesia चेकअप
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डीएनए हिंदी : किसी मरीज का ऑपरेशन होता है तो उससे पहले उसे बेहोश किया जाता है. बेहोश करने का काम एनेस्थीसिया के ज़रिए किया जाता है ताकि ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द का एहसास ना हो, पर इसे लेकर कई गलतफहमियां भी हैं. हालंकि ऐसा भी नहीं है कि जिस भी मरीज का ऑपरेशन होना है उसे सीधे ऑपरेशन-टेबल पर ले जाकर एनेस्थीसिया दे दिया जाता है और ऑपरेशन शुरू कर दिया जाता है. एनेस्थीसिया(Anaesthesia) देने से पहले कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है.

 इनको Anaesthesia देना है रिस्की

एनेस्थीसिया के कई तरह के साइड इफैक्ट्स(Anaesthesia Side Effects) भी होते हैं. किसी-किसी को उल्टी, ठंड लगना जैसे मामूली साइड इफैक्ट्स होते हैं तो किसी को गंभीर साइड इफैक्ट्स होते हैं. ऐसे मरीज जिनको एनेस्थीसिया से एलर्जी है उन्हे गंभीर साइड इफैक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा डायबटीज़, दिल की बीमारी से पीड़ित और किडनी की समस्या वाले मरीजों को भी एनेस्थीसिया देने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अगर मरीज को हाई ब्लड प्रेशर या अस्थमा जैसी बीमारी होती है तब भी मरीज को एनेस्थीसिया देने से दिक्कत हो सकती है. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानि ऐसे लोग जिनको सोते समय सांस लेने में दिक्कत होती है उनको एनेस्थीसिया देना खतरनाक हो सकता है. नशा करने वाले मरीजों के लिए भी एनेस्थीसिया के साइड इफैक्ट्स गंभीर हो सकते हैं.

 क्या होता है प्री-एनेस्थीसिया चेकअप (PAC)

जब डॉक्टर मरीज को सर्जरी की सलाह देता है तो सर्जरी से पहले उसे प्री-एनीस्थीसिया चेकअप(Pre-Anaesthesia Checkup) कराने को कहा जाता है. सर्जरी को लिए मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है. एनेस्थीसिया दिए जाने से पहले प्री-एनीस्थीसिया चेकअप यानी PAC किया जाता है. इसकी मदद से पता चलता है कि मरीज को कोई ऐसी बीमारी तो नहीं है जिसके बारे में उसे अभी तक पता ही नहीं है. उसके बाद जिन बीमारियों का वो शिकार है उनका उसकी सर्जरी पर क्या असर पड़ सकता है इसका भी पता इस चेकअप से लग जाता है. मरीज के बारे में सही जानकारी मिलने पर सर्जरी को सुरक्षित बनाने के लिए तैयारी की करने में मदद मिलती है. PAC के दौरान पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री, उसकी फिजिकल जांच की जाती है, मेडिकल रिकॉर्ड्स का रिव्यू किया जाता है. अगर कोई बीमारी या परेशानी दिखाई देती है तो उससे संबंधित टेस्ट और जांच की जा सकती है.

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