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World Contraception Day : बिहार के लोग करते हैं गर्भ निरोधकों का सबसे कम इस्तेमाल : Report

World Contraception Day : गर्भनिरोधक के इस्तेमाल में चंडीगढ़ , दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा अव्वल हैं. अभिषेक सांख्यायन की रिपोर्ट...

World Contraception Day : बिहार के लोग करते हैं गर्भ निरोधकों का सबसे कम इस्तेमाल : Report
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    डीएनए हिंदी : देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के आगे देश के संसाधन कम पड़ते जाते हैं. ऐसे में भारत में बढ़ती आबादी को रोकने के लिए गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल बहुत जरुरी है. जिन राज्यों में गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल में कमी देखी जाती है, वहां TFR (Total Fertility rate) में भी इजाफा देखा जाता है. World Contraception Day पर जानिए कि देश में गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से प्रति महिला बच्चों की दर (TFR) का क्या संबध है?  
     
    गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल और TFR का कनेक्शन
    देश के सबसे ज्यादा गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल करने वाले राज्य का फर्टिलिटी रेट देश में सबसे कम है. गर्भनिरोधक उपायों के इस्तेमाल में अव्वल चंडीगढ़ (77 %), दिल्ली (76%), पश्चिम बंगाल (74%) और उड़ीसा (74%) जैसे राज्यों की फर्टिलिटी रेट भी राष्ट्रीय औसत (1.99) से काफी नीचे है. 
     बड़े राज्यों में देश में सबसे ज्यादा फर्टिलिटी रेट बिहार (2.98) की है, वहीं बड़े राज्यों में सबसे कम गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल करने वाला राज्य भी बिहार (56) ही है. धर्म के आधार पर जैन समुदाय में सबसे ज्यादा NFHS-5 (National Family Health Survey) के अनुसार देश में 15-49 साल की महिलाओं में 66.7% गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती है. समुदाय के आधार पर बात करें तो देश के मुसलमानों में गर्भ निरोधकों का प्रतिशत सबसे कम 60.2% है. वहीं देश के हिंदुओं और सिखों में (67.9%) और ईसाई समुदाय में 61.8 प्रतिशत लोग गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती है. वहीं देश का जैन समुदाय गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल में सबसे आगे है, जिनकी 73.9 प्रतिशत महिलाएं गर्भनिरोधक उपायों का प्रयोग करती है.

    Health को लेकर भारतीय हुए जागरूक, हाथ  धोने से लेकर Contraceptive  इस्तेमाल तक की आदत बदली : NFH Survey 
     
    गर्भनिरोधकों का ज़रूरी है इस्तेमाल 
    मां बच्चे का स्वास्थय पर बच्चों की समुचित संख्या और बच्चों के बीच सही अंतर का बहुत प्रभाव पड़ता है. गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य के अन्य मानकों जैसे शिशु मृत्यु दर और मातृ मुत्यु दर, अनचाहे गर्भ और टोटल फर्टिलिटी रेट बेहतर होती है.
     

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