Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Signs Of Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल के इन 4 शुरुआती लक्षणों को पहचान लें, हार्ट अटैक-स्ट्रोक की है ये निशानी

स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए ब्लड में गुड यानी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल जरूरी है लेकिन अमूमन गंदा यानी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल ही ब्लड में ज्यादा बनता है. एलडीएल ब्लड में बढ़ने के शुरुआती संकेत क्या होते हैं जान लें.

Latest News
Signs Of Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल के इन 4 शुरुआती लक्षणों को पहचान लें, हार्ट अटैक-स्ट्रोक की है ये निशानी

पैरों में सुन्नपन या दर्द का बढ़ना

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदीः कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा चिपचिपा और लिसलिसा सा पदार्थ होता है जो ब्लड में रहता है. गुड कोलेस्ट्रॉल का ब्लड में रहना तो ठीक है लेकिन जब गंदा कोलेस्ट्रॉल नसों में ज्यादा होने लगता है तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगता है. इतना ही नहीं जब ब्लड में जमा फैट के अचानक टूटते हैं और ब्लड वेसेल्स यानी वाहिकाओं में थक्का जमने का कारण बनने लगते हैं. नतीजा दिल का दौरा और स्ट्रोक होता है.

हालांकि ये जानना भी जरूरी है कि सभी कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए खराब नहीं होते हैं, कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) के रूप में जाना जाने वाला ही कोलेस्ट्रॉल खराब होता है, जिसे अगर नियंत्रित नहीं किया गया, तो लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का अधिक खतरा हो सकता है. हालांकि कोलेस्ट्रॉल शरीर में स्वाभाविक रूप से शरीर में बनता है, लेकिन संतृप्त खाद्य पदार्थों और चीनी का ज्यादा उपयोग के साथ ही मोटापा  भी खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए जिम्मेदार होता है. यदि यह स्थिति बिगड़ती है, तो इससे सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.

इन 11 प्वांट्स में छुपा है कोलेस्ट्रॉल कम करने का तरीका, कभी नहीं आएगा हार्ट अटैक-स्ट्रोक

उच्च कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती संकेत

1-आंखों के रंग में बदलाव, पलकों के आसपास या कॉर्निया के आसपास सफेद और पीले रंग का दर्दरहित जमाव (त्वचा के नीचे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण ज़ैंथेलस्मा के रूप में जाना जाता है) ब्लड में वसा जमने का इशारा हैं.

2-पैरों में सुन्नपन या दर्द का बढ़ना गंदे कोलेस्ट्रॉल का एक स्पष्ट संकेत होता है. जब धमनियों और रक्त वाहिकाओं में प्लाक विकसित होता है, तो रक्त प्रवाह में रुकावट होती है. इससे ऑक्सीजन आपके पैरों तक सही तरीके से नहीं पहुंचता, जिससे झुनझुनी या दर्द होता है. कुछ अन्य लक्षणों में ऐंठन, ठंडे पैर या पैर और घाव जो ठीक नहीं होते हैं शामिल हैं.

3-सांस की तकलीफ और पेट, जबड़े या पीठ में दर्द, अत्यधिक थकान, सीने में दर्द और मतली जैसे लक्षण भी हाई कोलेस्ट्रॉल का ही संकेत हैं. ये कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) से संबंधित हो सकते हैं, जो प्लाक के निर्माण के कारण होता है जो हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों को संकीर्ण या कठोर कर देता है.

ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देंगे ये 13 फूड, शरीर में बढे़गा ऑक्सीजन लेवल और टलेगा हार्ट अटैक का खतरा

4-अचानक चक्कर आना, संतुलन और समन्वय में दिक्कत, अस्पष्ट शब्द, भ्रम, चेहरे की विषमता, गंभीर सिरदर्द, धुंधली दृष्टि और शरीर के एक तरफ सुन्नता स्ट्रोक के लक्षण हैं. ऐसा तब होता है जब आपके मस्तिष्क के किसी महत्वपूर्ण हिस्से में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है या बंद हो जाती है.

ऐसे करें गंदे कोलेस्ट्रॉल के कम

1- शराब और धूम्रपान से बचें, जो कई बार तनाव, उच्च रक्तचाप और आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए एक संभावित जोखिम का मूल कारण होता है.

हार्ट अटैक के बाद कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल के लिए क्या करें और क्या न करें, इन 12 बातों का रखना होगा ख्याल

2- ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें संतृप्त वसा कम हो लेकिन यह फाइबर का पावरहाउस हो.

3-स्वस्थ वजन बनाए रखें. जंक, तला हुआ, प्रोसेस्ड और मीठा खाना मोटापे का एक प्रमुख कारण है.

4-किसी व्यक्ति के पेट की चर्बी जितनी अधिक होगी, उसके खराब कोलेस्ट्रॉल का शिकार होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. 

5-रोज 45 मिनट की एक्सरसाइज करें. कार्डियो, एरोबिक्स, डांस, स्वीमिंग कुछ भी करें


कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें ताकि इसके बढ़ने का पता तुरंत लग सके.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement