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Study में दावा, 2050 तक करोड़ों लोगों की जान ले सकती है ये खतरनाक बीमारी! दवाएं हो सकती हैं बेअसर

Global Superbug Crisis: हाल ही में एक स्टडी में यह दवा किया गया है कि अगले 25 साल में दुनियाभर में इस खतरनाक बीमारी से करीब 4 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है, आखिर क्या है ये बीमारी?

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Study में दावा, 2050 तक करोड़ों लोगों की जान ले सकती है ये खतरनाक बीमारी! दवाएं हो सकती हैं बेअसर

 Antimicrobial Resistance,

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दुनियाभर में कई गंभीर बीमारियों का खतरा दिन पर दिन बढ़ रहा है. हाल ही में एक स्टडी में ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. इस स्टडी में दवा किया (Global Superbug Crisis) गया है कि अगले 25 साल में दुनियाभर में इस बीमारी से करीब 4 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है. ऐसे में अगर इस बीमारी को अभी से कंट्रोल नहीं किया गया तो आगे चलकर यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है.  

इस गंभीर बीमारी के प्रकोप को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) अपनी दूसरी हाई लेवल मीटिंग आयोजित करने की तैयारी कर रही है और इसके लिए (Antimicrobial Resistance Kya Hai) निर्णायक, ग्लोबल एक्शन की तत्काल जरूरत पर जोर डाल रही है.. 

क्या कहती है स्टडी?

'द लैंसेट' में छपी स्टडी के मुताबिक एंटीबायोटिक (Antimicrobial Resistance) प्रतिरोध के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 2050 तक लगभग 70% तक बढ़ जाएगी, इस ट्रेंड से सुपरबग्स की संकट की गंभीरता का संकेत मिलता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये सूक्ष्मजीव होते हैं, जिनमें बैक्टीरिया, फंगी, वायरस और परजीवी शामिल हैं, जो एंटीमाइक्रोबियल इलाज से प्रतिरोधक हो जाते हैं और इससे संक्रमण का इलाज मुश्किल हो जाता है.  

बता दें कि इस सुपरबग को एएमआर (AMR) नाम दिया (Superbug Crisis) गया है, रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से 2021 के बीच इस सुपरबग से एक मिलियन यानी 10 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में अगर इस बीमारी को लेकर अभी से काम नहीं किया गया तो आगे चलकर ये बड़ी समस्या बन सकती है.

दवाएं हो सकती हैं बेअसर
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस सुपरबग पर बैक्टीरिया और एंटीबायोटिक का भी असर नहीं होगा और इसके कारण न केवल मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है, बल्कि ये समस्या लोगों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है. 

कहां है सबसे ज्यादा खतरा?

सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका और उप-सहारा अफ्रीका शामिल हैं. इस अध्ययन के मुताबिक बिना महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुधारों और नए एंटीबायोटिक्स के वैश्विक AMR से संबंधित मौतों की संख्या 2050 तक काफी ज्यादा बढ़ सकती है. बताते चलें कि इसका सबसे बड़ा और मुख्य कारण एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित और अत्यधिक उपयोग है, जो रोगजनकों को प्रतिरोधी बनाने में सहायक हुए हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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