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Heart Attack-Stroke Risk: हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा पहले ही बता देंगे ये टेस्ट, कब और कितनी बार करवाएं चेकअप

Health Tips: सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचना है तो कुछ टेस्ट जरूर कराते रहना चाहिए. किस उम्र से और कितनी बार ये टेस्ट कराएं, चलिए जानें

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Heart Attack-Stroke Risk: हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा पहले ही बता देंगे ये टेस्ट, कब और कितनी बार करवाएं चेकअप

Heart Attack-Stroke Risk: हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा पहले ही बता देंगे ये टेस्ट

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डीएनए हिंदीः अगर आपको दिल के दौरे, कार्डियक अरेस्ट या स्ट्रोक (Heart attack, Cardiac Arrest or Stroke)
जैसी जानलेवा बीमारियों से बचना है तो आपको कुछ टेस्ट रेग्युलर बेसिस (Medical Test for Health) पर कराना चाहिए. ठंड में ये टेस्ट और भी जरूरी हो जाते हैं क्योंकि इस मौसम में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा दोगुना होता है. 

अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर या ब्लड थिकनेस (High Cholesterol, High Blood Pressure, Blood Sugar or Blood Thickness) जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपके लिए ठंड बेहद खतरनाक हो सकती है और इस मौसम में आपको बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप कुछ जरूरी टेस्ट जरूर कराएं ताकि हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने से पहले ही आपको पता चल सके. 

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किस उम्र से करवाना चाहिए कार्डिएक चेकअप

हार्ट फंक्शन की जानकारी के लिए कार्डियोवैस्कुलर टेस्ट 20 साल की उम्र से ही शुरू कर देना चाहिए. इससे आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा कम हो होगा और समय से पहले आपको इन बीमारियों के बारे में पता चल सकेगा. 20 साल की उम्र से हर दो से चार साल में दिल की जांच के साथ कुछ टेस्ट करवाने शुरू कर देने चाहिए. वहीं अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी, शुगर के मरीज हैं तो आपको हर छह महीने में हार्ट और 2 से 3 महीने में कुछ ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए. 

हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बचना है तो जरूर कराएं ये जांच

ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर का हाई और लो होना दोनों ही नुकसानदायक होता है. दोनों से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे होते हैं. इसलिए अगर आपकी उम्र 20 साल है तो आपको हर छह महीने में और अगर आप 40 की उम्र के हैं और आपको बीपी की बीमारी नहीं है तो आप हर तीन महीने में बीपी की जांच कराएं. अगर आपको बीपी की समस्या है तो आपको अपने लक्षण को ध्यान में रखते हुए हर 15 दिन में जांच करनी चाहिए. 

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कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स
20 साल की उम्र से इसकी जाचं शुरू करा दें. 20 की उम्र में  हर चार से छह साल में एक फास्टिंग लिपोप्रोटीन प्रोफाइल कराएं. यह ब्लड टेस्ट ट्राइग्लिसराइड्स, टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल को मापता है. यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है तो हर छह महीने में इसकी जांच कराएगए वहीं अगर आप कोलेस्ट्रॉल के मरीज हैं तो आपको डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और हर एक से दो महीने में इसकी जांच करानी चाहिए. 

ईसीजी
बीस साल की उम्र से ईसीजी कराना चाहिए और दो साल में एक बार कराना चाहिए. वहीं 40 के बाद हर साल और दिल की बीमारी, कोलेस्ट्रॉल और बीपी है तो इसे हर छह महीने में करा लेना चाहिए. अगर आपको हार्ट में कभी कोई दिकक्त महसूस हो तो आप ईसीजी करा करा सकते हैं. 

थायराइड 
थायराइड प्रोफाइल की जांच भी 20 की उम्र से कराना चाहिए. हालांकि थायराइड की समस्या बच्चों में भी हेाती है तो अगर परेशानी हो तो इसे किसी भी उम्र में कराया जा सकता है. अगर आप थायराइड के मरीज हैं तो हर छह महीने में आपको प्रोफाइल चेक होना चाहिए. बता दें कि थायराड से भी बीपी, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा हो सकता है.

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ब्लड शुगर टेस्ट

45 साल की उम्र से शुरू होने वाले कम से कम हर तीन साल में ब्लड शुगर लेवल की निगरानी की जानी चाहिए. यदि आपके ब्लड शुगर का लेवल अधिक हैए तो आपको इंसुलिन रेजिस्टेंट, प्री-डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज होने की अधिक संभावना होती है. मधुमेह के कारण हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. यहां तक कि अगर आपकी उम्र 45 साल से कम है तो भी डॉक्टर ब्लड शुगर टेस्ट की सलाह दे सकता है. 

बॉडी मास
20 साल की उम्र के आसपास डॉक्टर आपके वजन के आधार पर आपके बॉडी मास इंडेक्स ;बीएमआईद्ध की गणना कर सकता है. तीन में से लगभग दो व्यक्ति आजकल अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं. मोटापा के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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