Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

फौलादी नहीं, शरीर को अंदर से खोखला बना सकता है Steroids का ज्यादा डोज, सड़ने लगता है हार्ट और लिवर

Side Effects Of Steroids: बगैर डाॅक्टर की सलाह के जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है, इसके कारण आपको हार्ट और लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

Latest News
फौलादी नहीं, शरीर को अंदर से खोखला बना सकता है Steroids का ज्यादा डोज, सड़ने लगता है हार्ट और लिवर

Steroids

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

आजकल युवा कम समय में बॉडी को शेप में लाने के लिए स्टेरॉयड (Steroids) और प्रोटीन सप्लीमेंट जैसे उत्पादों को खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्टेरॉयड दो तरह के होते हैं, पहला है प्राकृतिक और दूसरा है कृत्रिम. बता दें कि प्राकृतिक स्टेरॉयड एक प्रकार का हार्मोन (Hormones) होता है, जो शरीर की एडे्रनल ग्रन्थियों में स्वाभाविक रूप से बनता है. यह शरीर के अंगों, कोशिकाओं, ग्रन्थियों के विकास और उन्हें सही तरीके से (Muscle Building) काम करने में मदद करता है...

वहीं बात करें कृत्रिम (Artificial) यानी मानव द्वारा बनाए गए स्टेरॉयड की तो यह एक प्रकार की दवा जैसा होता है और यह शरीर में बनने वाले हार्मोन के गुणों से भरपूर होता है. इसे कई लोग इंजेक्शन के द्वारा लेते हैं. 

कृत्रिम स्टेरॉयड

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कृत्रिम स्टेरॉयड भी 2 तरह के होते हैं, पहला कोर्टिको स्टेरॉयड (Cortico Steroids) और दूसरा है एनाबॉलिक स्टेरॉयड (Anabolic Steroids).  एनाबॉलिक स्टेरॉयड एक तरह से सिंथेटिक हॉर्मोन है, जो मशल्स बढ़ाने या मशल्स को टूटने से रोकने में शरीर की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है. 


यह भी पढ़ें:  शरीर में घुले प्यूरीन को छानकर बाहर निकाल देती है ये स्पेशल चटनी, Uric Acid के मरीज डाइट में कर लें शामिल


क्या है एनाबॉलिक स्टेरॉयड 

आमतौर पर लोग शारीरिक प्रदर्शन को बढ़ाने और मांसपेशियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं. वहीं सूजन और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के उपचार के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाते हैं और सूजन को कम करने में मददगार साबित होते हैं. इतना ही नहीं कई मामलों में अस्थमा, गठिया और त्वचा रोग में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. 

कितना सेफ है स्टेरॉयड

एक्सपर्ट के मुताबिक स्टेरॉयड कितना सेफ है यह पूरी तरह से उपयोग के प्रकार, मात्रा और अवधि पर निर्भर करती है. बता दें कि डॉक्टर के निर्देशानुसार और कुछ मेडिकल कंडीशन के लिए उपयोग किए जाने पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड सेफ और फायदेमंद तो हो सकते हैं. लेकिन अगर आप लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से इसका दुष्प्रभाव भी हो सकता है. इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर, कमजोर इम्यूनिटी और वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 


यह भी पढ़ें: गजब की है ये डाइट, इसे अपनाएंगे तो दुबले-पतले शरीर में आ जाएगी जान, मसल्स होंगे स्ट्रॉन्ग


वहीं अगर आप गैर-चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए या डॉक्टर की देखरेख के बिना एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. इसके कारण लिवर का खराब होना, हार्ट संबंधी समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन, मूड स्विंग, संक्रमण का खतरा हो सकता है. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement