Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Pilonidal Sinus की चपेट में UPSC Aspirant! दूसरे विश्व युद्ध में आफत बनी थी ये बीमारी

UPSC की तैयारी कर रहे एक छात्र को पिलोनिडल साइनस नामक बीमारी हुई है, बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई सैनिकों के लिए ये बीमारी आफत बन गई थी...

Latest News
Pilonidal Sinus की चपेट में UPSC Aspirant! दूसरे विश्व युद्ध में आफत बनी थी ये बीमारी

Pilonidal Sinus

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

आजकल लोगों को दिनभर ऑफिस पर बैठकर काम करने, ज्यादातर वक्त कुर्सी या सोफे पर बैठकर गुजारने से सेहत से जुड़ी कई तरह की गंभीर (Long Hours Of Sitting) समस्याओं का सामना करना पड़ रहा  है. इससे न केवल मोटापा बल्कि अन्य कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है. बता दें कि कई-कई घंटे तक सीट पर बैठकर पढ़ाई करने या ऑफिस का काम करने से आपको पिलोनिडल साइनस (Pilonidal Sinus) जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, UPSC की तैयारी कर रहे 21 वर्षीय छात्र के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है, छात्र पिलोनिडल साइनस (Pilonidal Sinus) नामक बेहद गंभीर बीमारी से पीड़ित है. बता दें कि इस बीमारी का पता दूसरे विश्व युद्ध के दौरान चला था, उस समय कई सैनिकों के लिए यह आफत बन गई थी... 

क्या होता है पिलोनिडल साइनस?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये बेहद दर्दनाक बीमारी होती है और इस स्थिति में त्वचा के नीचे टूटे हुए बालों के एकत्र होने के कारण टेलबोन के पास बार-बार मवाद बनता है. इसे जीपर्स बॉटम नाम से जाना जाता है. 


यह भी पढ़ें: तकिए का भी होता है Expiry Date, इतने दिन में नहीं बदला तो हो सकते हैं इन गंभीर बीमारियों के शिकार 


एक्सपर्ट के मुताबिक यह स्थिति संभवतः इसलिए विकसित हुई क्योंकि छात्र लाइब्रेरी की कुर्सियों पर घंटों बैठकर पढ़ाई करता था, उसे अपने बतख क्लेफ्ट में दर्दनाक सूजन का पता चला. 

कैसे बचें इस बीमारी से
एक्सपर्ट्स के मुताबिक लंबे समय तक बैठने से इस तरह की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में अगर  पिलोनिडल साइनस या इस तरह की अन्य बीमारियों से बचना हैं तो घंटों-घंटो बैठकर पढ़ने या काम करने वाले युवा इसका खास ध्यान रखें.  इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें. साथ ही बैठने की पोजिशन सही रखें.

डाक्टर ने क्या कहा 
छात्र की सर्जरी करने वाले डाक्टर मित्तल ने बताया कि छात्र की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक आदर्श समाधान के रूप में ईपीएसआईटी (एंडोस्कोपिक पिलोनिडल साइनस ट्रैक्ट एब्लेशन सर्जरी) को चुना गया, ताकि वह जल्दी से ठीक हो सके और अपनी पढ़ाई पर वापस लौट सके. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय देने और अपने इलाके की खबर पढ़ने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement