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Winter Heart Attack Risk: ठंड में छोटी सी चूक बन रही दिल के दौरे की वजह, हार्ट अटैक आने के ये हैं 5 कारण

ठंड में नसों की सिकुड़ और ब्लड गाढ़ा होने से दिल के दौरे का खतरा बढ़ रहा है. छोटी सी चूक ब्लड सर्कुलेशन धीमा कर हार्ट अटैक को कैसे बढ़ा रही है,जान लें

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Winter Heart Attack Risk: ठंड में छोटी सी चूक बन रही दिल के दौरे की वजह, हार्ट अटैक आने के ये हैं 5 कारण

Winter Heart Attack Risk: ठंड में इस कारण से बढ़ रहा दिल का दौरा

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डीएनए हिंदीः ठंड में अचानक से हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के मामले बढ़ गए (Cases of Heart Attack or Cardiac Arrest in Winters) हैं, इसके पीछे न केवल हाई कोलेस्ट्रॉल या ब्लड में थक्के बनना ही जिम्मेदार है, बल्कि इसके पीछे हमारी कुछ गलतियां भी वजह बन रही हैं. 

क्या आपको पता है कि सर्दियों में ही हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के मामले सबसे ज्यादा क्यों होते हैं. इसके पीछे हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), हाई या लो ब्लड प्रेशर High or Low Blood Pressure) ही जिम्मेदार नहीं होते, बल्कि इन बीमारियों के साथ छोटी सी चूक भी जान जाने के लिए जिम्मेदार होती है. 

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पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल में पब्लिश (Published in Public Library of Science Journal) एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी या हार्ट से जुड़ी कोई भी बीमारी है उन्हें सर्दियों में हार्ट अटैक या कार्डिए अरेस्ट आने का रिस्क 31 फीसदी तक अधिक होता है. खास बात ये है कि ये खतरा सुबह के समय सबसे हाई होता है. इसके पीछे मुख्यतः चार कारण ही जिम्मेदार माने गए हैं. 

क्यों होता है ठंड में सुबह के समय हार्ट पर खतरा-Why there is a danger to heart in morning in cold

असल में जब हम सोते हैं तब हमारे हार्ट को भी कम काम करना होता है. इससे बीपी और शुगर लो रहता है लेकिन हमारे उठने के साथ ही शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम बीपी और शुगर को नार्मल करने में लग जाता है. हालांकि ये इसका रोज का काम होता है और हर मौसम में ये ऐसे ही काम करता है लेकिन ठंड में इसके काम करने पर प्रेशर ज्यादा होता है.

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ठंडे मौसम में शरीर के ठंडे होने से ब्लड सर्कुलेशन भी धीमा होता है. ऐसे में अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हैं तो ब्लड सर्कुलेशन और भी प्रभावित होता है. ठंड के दिनों शरीर को नार्मल करने के लिए हार्ट को डबल मेहनत करनी होती है. ऐसे में ब्लड में वसा ज्यादा हो या शरीर ज्यादा ही ठंडा हो तो हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट का खतरा डबल हो जाएगा. 

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इस वजह से ठंड में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं
नसों में जब वसा की मात्रा ज्यादा होती है तो ये सूजी और सख्त होने के साथ ही सिकुड़ भी जाती हैं. ठंड में ये वसा वैसी ही कठोर हो जाती है जैसे फ्रीज में रखा मक्खन. इसलिए ब्लड सर्कुलेशन में समस्या होती है और अगर ब्लड प्रेशर हाई या लो हो नसों के फटने का खतरा भी बढ़ता है. 

सुबह उठते ही ज्यादा पानी न पिएं

ठंड में सुबह के समय खास ध्यान देना चाहिए. सुबह उठते ही ढेर सारा पानी न पीएं. पानी थोड़ी मात्रा में लें और ये गुनगुना होना चाहिए. हार्ट ब्लड को पम्प करता है और अगर ब्लड ठंडे पानी से और ठंडा हो जाए तो हार्ट पर प्रेशर पड़ने लगता है. इसलिए पानी की पूरा कोटा आप दिन में कर लें लेकिन सुबह के समय पानी कम पीएं. 

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सुबह के समय देर से उठे, देर से नहाएं
सुबह के समय बिस्तर आप अगर जल्दी छोड़ देते हैं तो ध्यान रहे सर्दियों में ये भूल न करें. ठंड में  हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी और हार्ट से जुड़े रोगियों को हमेशा बिस्तर देर से छोड़ना चाहिए. जब धूप निकल आए तो आप बिस्तर से उठें. यही नहीं सुबह के समय नहाने से भी बचें. जब भी सर्दियों में नहाएं सीधे सिर पर पानी न डालें. पानी हमेशा गर्म कर नहांए और पैर पर सबसे पहले पानी डालें. सिर पर सबसे अंत में पानी डालें. 

दोपहर में करें एक्सरसाइज
अगर आप भोर में या सुबह एक्सरसाइज करते हैं तो सर्दियों में ये रूटीन बदल दें. सर्दियों में हार्ट को सेफ रखने के लिए दोपहर में एक्सरसाज करें या शाम के समय बंद कमरे या जिम में करें. ध्यान रहें सुबह उठते के साथ एक्सरसाइज से हार्ट पर प्रेशर ज्यादा होगा और इसके फेल होने के चांस भी ज्यादा होंगे. 

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नमक और वसा कम कर दें
सर्दियों में नमक और वसा जैसे घी या मक्खन स्वस्थ लोगों को भी कम कर देना चाहिए. अगर आप दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीज है तो आपके लिए ये नियम सख्ती से पालन होना चाहिए. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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