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74th Republic Day Parade: जागेश्वर धाम से बिरसा मुंडा और दीपोत्सव तक, 10 पॉइंट्स में जानिए परेड में क्या-क्या दिखा

Republic Day 2023: 74वें गणतंत्र दिवस की परेड का झांकियों में भारत की संस्कृति की विविधता और शक्ति, दोनों का प्रदर्शन हुआ है.

74th Republic Day Parade: जागेश्वर धाम से बिरसा मुंडा और दीपोत्सव तक, 10 पॉइंट्स में जानिए परेड में क्या-क्या दिखा

Republic Day Parade tableau

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डीएनए हिंदी: Republic Day Parade News- दिल्ली में बृहस्पतिवार को जब 74वें गणतंत्र दिवस की परेड (74th Republic Day parade) शुरू हुई तो यह पहला मौका था, जब नए बनाए गए कर्तव्य पथ (Kartavya Path) पर देश के सबसे बड़े लोक पर्व की धमक दिखाई दी. 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' थीम पर आयोजित परेड में भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता, दोनों की ही झलक देखने को मिली. इसे 'नए भारत' के उभार का दृश्य भी कहा जा रहा है, जो किसी भी भारतवासी के लिए गर्व की बात हो सकती है. सबसे ज्यादा चर्चा हर बार की तरह इस बार भी परेड के दौरान पेश की गई झांकियों की रही. इस बार परेड मे 23 झांकियां पेश की गईं, जिनमें 17 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की थी और 6 झांकियां विभिन्न मंत्रालयों व विभागों ने पेश की थीं. इन झांकियों में जहां भारत की सांस्कृतिक विरासत थी, तो वहीं देश के लीजेंडरी हीरो भी थे. साथ ही देश की इकोनॉमिक व सोशल प्रोग्रेस की झलक भी थी.

आइए जानते हैं इन झांकियों में से सबसे खास 10 के बारे में, जिनमें शिवलिंग पूजा का उद्गम स्थल माने जाने वाले जागेश्वर धाम,  भगवान राम के स्वागत वाले दीपोत्सव, भगवद् गीता के उद्गम, कामाख्या मंदिर जैसी धार्मिक झलकियों से लेकर आदिवासी लीजेंड बिरसा मुंडा तक की झलक दिखाई दी.

1. देवभूमि उत्तराखंड की झांकी में धर्म, जंगल और लोककला का संगम

जंगलों, नदियों और पहाड़ों से सजे उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, जहां केदारनाथ, बदरीनाथ समेत तमाम धार्मिक अहमियत वाले स्थल मौजूद हैं. इस राज्य की झांकी में भी यह झलक दिखाई दी. उत्तराखंड की झांकी में शिवलिंग पूजा का उद्गम स्थल माने जाने वाला अल्मोड़ा का 124 मंदिरों का समूह जागेश्वर धाम था, तो ऐपण लोककला के साथ ही जैव विविधता से सजा कार्बेट फॉरेस्ट रिजर्व भी इस पर दिखाई दिया.

2. उत्तर प्रदेश की झांकी राम के रंग में रंगी दिखी

उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मभूमि है. ऐसे में वहां की झांकी भी राम के ही रंग में दिखी. भगवान राम व सीता के वनवास खत्म कर अयोध्या लौटने के उत्सव को इस झांकी में दर्शाया गया, जिसमें अयोध्या में मनाया जाने वाला तीन दिवसीय दीपोत्सव की झलक थी.

3. हरियाणा ने दुनिया को दिया गीता उपदेश

हरियाणा की धरती पर ही कुरुक्षेत्र है, जहां महाभारत का युद्ध हुआ था. कुरुक्षेत्र में ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जो भगवद् गीता के रूप में आज भी दुनिया को राह दिखा रहा है. हरियाणा की झांकी भगवद् गीता की ही थीम पर दिखी, जिसमें अर्जुन के रथ के सारथी बने श्रीकृष्ण व महाभारत के कुछ अन्य दृश्य दिखाए गए थे.

4. असम की झांकी में युद्ध नायक भी और देवी भी

असम की झांसी में नाव पर जहां कामाख्या देवी मंदिर मौजूद था, वहीं अहोम (कई सौ साल पुराना असम) राज्य के महान कमांडर जनरल लाचित बोरफुकान भी इसका हिस्सा था. जनरल लाचित को वर्ष 1671 में सरायघाट की लड़ाई में मुगल सेनाओं को हराने के लिए याद किया जाता है

5. झारखंड ने दिया बिरसा मुंडा और बाबा बैद्यनाथ को सम्मान

झारखंड की झांकी में सोहराय की चित्रकला के साथ ही मशहूर शिव ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ मंदिर के साथ ही लीजेंडरी ट्राइबल हीरो बिरसा मुंडा भी दिखाई दिए. अंग्रेजों के खिलाफ लड़े बिरसा मुंडा आदिवासी समुदायों में 'गॉड ऑफ द अर्थ' कहकर पुकारा जाता है.

6. पश्चिम बंगाल ने दिखाया दुर्गा पूजा का जलवा

पश्चिम बंगाल की झांकी में वहां की मशहूर दुर्गा पूजा को दिखाया गया, जिसने कर्तव्य पथ को भक्तिमय बना दिया. इसके अलावा ढाक, धुनुची की झलकियों के साथ ही लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ियां पहनी महिलाएं राज्य की संस्कृति को बखूबी दर्शा रही थी.

7. 'नया जम्मू-कश्मीर' की थीम ने मोह लिया मन

जम्मू-कश्मीर की झांकी पर सभी की निगाहें थीं, जिसे 'नया जम्मू-कश्मीर' थीम पर बनाया गया. साथ ही इसमें बाबा अमरनाथ के बर्फानी शिवलिंग वाली गुफा भी मेन फोकस में थी. इस झांकी ने सभी का मन मोह लिया.

8. इन राज्यों की झांकियों में नारी शक्ति रही प्रमुख

केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और त्रिपुरा की झांकियों में 'नारी शक्ति' की प्रमुखता झलकी. केरल ने नारी शक्ति थीम पर बनी झांकी में महिला सशक्तीकरण की लोक परंपरा दिखाई. इसमें साल 2020 में 96 साल की उम्र में साक्षरता परीक्षा पास करके नारी शक्ति पुरस्कार जीतने वाली कार्थयायानी अम्मा को हाईलाइट किया गया था.

9. कर्नाटक ने भी कुछ ऐसी बनाई झांकी

कर्नाटक की झांकी में एक दाई सुलागिट्टी नरसम्मा और वृक्ष माते (मदर ऑफ ट्रीज) के नाम से मशहूर तुलसी गौड़ा हलाक्की को सभी के सामने पेश किया.

10. महाराष्ट्र ने दिखाई 'साढे़ तीन शक्तिपीठ'

महाराष्ट्र ने अपनी झांकी के जरिये 'साढ़े तीन शक्तिपीठ और नारी शक्ति' की झलक दिखाई. त्रिपुरा की झांकी में टूरिज्म और ऑर्गेनिक फार्मिंग में महिलाओं के एक्टिव योगदान की मदद से सतत रोजगार की पायदान हासिल करने को हाईलाइट किया गया.

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