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J-K Assembly Elections: राशिद इंजीनियर को बड़ी राहत, कोर्ट ने 12 अक्टूबर तक बढ़ाई अंतरिम जमानत

राशिद इंजीनियर का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था, जिसे NIA ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. 

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J-K Assembly Elections: राशिद इंजीनियर को बड़ी राहत, कोर्ट ने 12 अक्टूबर तक बढ़ाई अंतरिम जमानत

Baramulla MP Rashid Engineer

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जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से सांसद राशिद इंजीनियर को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को 12 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है. अब इंजीनियर 8 अक्टूबर को घोषित होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों को भी देख सकेंगे. कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को 2 अक्टूबर तक के लिए जमानत दी थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने राशिद को 13 अक्टूबर को संबंधित जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने 10 सितंबर को राशिद को 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी. इंजीनियर राशिद उर्फ शेख अब्दुल रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था. 

अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के अध्यक्ष राशिद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था.  चुनाव मंगलवार को संपन्न हो गए. राशिद को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर राहत दी गई थी.

अदालत ने राशिद पर विभिन्न शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह गवाहों या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे. अदालत ने 5 जुलाई को राशिद को लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए हिरासती पैरोल दी थी. साल 2017 के आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था. वह तिहाड़ जेल में बंद थे.

किस मामले में गिरफ्तार हुआ था राशिद इंजीनियर
इंजीनियर का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. 

NIA ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. (इनपुट-PTI)

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