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Child Pornography के खिलाफ CBI ने चलाया ऑपरेशन मेघदूत, 20 राज्यों के 56 ठिकानों पर हुई छापेमारी

सीबीआई ने इंटरपोल की मदद से मिले इनपुट के आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है. ऐसा ही एक ऑपरेशन पिछले साल चलाया गया था.

Child Pornography के खिलाफ CBI ने चलाया ऑपरेशन मेघदूत, 20 राज्यों के 56 ठिकानों पर हुई छापेमारी
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डीएनए हिंदी: बाल उत्पीड़न केवल फिजिकली नहीं बल्कि वर्चुअली भी बढ़ता जा रहा है और अब इसको लेकर सीबीआई ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर दी है. ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री के मामले में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 56 ठिकानों पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी हुई है. 'ऑपरेशन  मेघदूत' के तहत सीबीआई इन अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है.

इनपुट्स के आधार पर लिया एक्शन

दरअसल, सीबीआई सिंगापुर और न्यूजीलैंड की इंटरपोल (Interpol) इकाई द्वारा साझा किए गए इनपुट्स के आधार छापेमारी कर रही है और बाल यौन शोषण करने वाले लोगों को हिरासत में ले रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई द्वारा कई ऐसे गैंग चिह्नित किए गए हैं, जो न केवल चाइल्ड सेक्सुअल प्रोनोग्राफी के संबंधित साम्रगी का व्यापार करते हैं, बल्कि बच्चों को फिजिकली ब्लैकमेल भी करते हैं. ये गैंग दोनों तरीके से काम करता है.

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आपको बता दें कि इसको लेकर पिछले साल भी ऑपरेशन चलाया गया था जिसका नाम ऑपरेशन कार्बन था और अब एक और  कार्रवाई जारी है. अहम बात यह भी है कि देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला कोई नया मामला नहीं है. सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड होते चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो और कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है जिसके बाद से जांच एजेंसिया सक्रिय हो गई है. 

वैश्विक डाटाबेस का इस्तेमाल

आपको बता दें कि सीबीआई इंटरपोल की नोडल एजेंसी भी है, जिसके पास एक अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (ICSE) इमेज व वीडियो डाटाबेस है.यह सदस्य देशों के जांचकर्ताओं को बाल यौन शोषण के मामलों पर डेटा साझा करने की अनुमति देता है. भारत सहित 64 देशों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आईसीएसई ने डाटाबेस में मौजूद 2.3 मिलियन तस्वीरों और वीडियो से दुनिया भर में 10,752 अपराधियों की पहचान करने और 23,500  बच्चों को उनके चंगुल से बचाने में मदद की है.

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इस वैश्विक डाटा बेस में ओपन नेटवर्क के जरिए डेटा साझा करने का प्रावधान है, जिसे सभी सदस्य देशों के साथ-साथ कुछ विशिष्ट देशों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है. सीबीआई ने ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से संबंधित मामलों की जांच के लिए 2019 से ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लॉइटेशन प्रिवेंशन इंवेस्टिगेशन नाम से एक विशेष इकाई का भी गठन किया था जिसके तहत लगतार कार्रवाई जारी है. 

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