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Heatwaves: फरवरी-मार्च में इतनी गर्मी, मई-जून में क्या होगा हाल, क्यों बढ़ रहा है तापमान?

मौसम विभाग फरवरी से ही हीटवेव की चेतावनी दे रहा है. गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. आइए जानते हैं वजह.

Heatwaves: फरवरी-मार्च में इतनी गर्मी, मई-जून में क्या होगा हाल, क्यों बढ़ रहा है तापमान?

फरवरी में ही गर्मी ने किया हाल-बेहाल. (तस्वीर-PTI)

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डीएनए हिंदी: सर्दी कब आई और कब चली गई, इस बार पता ही नहीं चला. मौसम के रुझान ऐसे लग रहे हैं कि इस साल भीषण गर्मी पड़ने वाली है. देश के अलग-अलग हिस्सों से बढ़ते तापमान की खबरें सामने आ रही हैं. उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक, बढ़ता तापमान वैज्ञानिकों को डरा रहा है. पहाड़ों पर बर्फबारी का दायरा सिमटता जा रहा है. मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि यह पिछले 122 वर्षों में सबसे गर्म फरवरी थी.

2023 में फरवरी में दिन का अधिकतम तापमान औसतन 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. साल 1901 के बाद फरवरी में इतनी गर्मी कभी नहीं पड़ी. यह चिंता का विषय है. जलवायु परिवर्तन ने मौसम के मिजाज को ही बदलकर रख दिया है. पहले मार्च तक सर्दी पड़ती थी, अब फरवरी में भी नहीं पड़ रही है.

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बढ़ रही गर्मी, IMD ने दी है लोगों को हिदायत

गुजरात के भुज में 16 फरवरी को पारा 40 डिग्री के पार चला गया था. IMD ने मार्च में लू की चेतावनी भी दी थी और एक एडवाइजरी भी जारी की थी. मौसम विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2023 में भीषण गर्मी की आशंका को देखते हुए लोगों को सावधान रहने की हिदायत दी है. आइए जानते हैं कि बढ़ती गर्मी की वजह क्या है.

क्या है मौसम के लिए एडवाइजरी?

निर्देशों के मुताबिक लोगों को ज्यादा पानी पीने की सलाह दी गई है. लोगों को फल और सब्जियां खाने की भी सलाह दी गई है. घर से बाहर जब भी निकलें, सिर ढककर निकलें. दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में न निकलें. यह पहली बार है जब सरकार ने फरवरी में हीट वेव एडवाइजरी जारी की है.

बदलते मौसम का क्या पड़ रहा असर?

फरवरी के महीने में पड़ रही लू का असर कई लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है. गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों से लोग अभी से ही जूझने लगे हैं. दुर्भाग्य से, भारत पर जलवायु परिवर्तन का सबसे बुरा असर पड़ेगा. जलवायु परिवर्तन की स्थिति बिगड़ने आने वाले दिनों में मौसम और खराब होगा. यह ह न केवल लोगों के स्वास्थ्य बल्कि कृषि गतिविधियों के लिए भी खतरा पैदा करेगा.

क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी?

प्रदूषण की वजह से जलवायु परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है. कार्बन उत्सर्जन, क्लोरोफोरो कॉर्बन और प्रदूषण के दूसरे कारकों ने जलवायु परिवर्तन की रफ्तार बढ़ा दी है. अनियमित मौसम की एक वजह यह भी है. धरती का तापमान बढ़ रहा है. भारत इससे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. ग्लोबल वॉर्मिंग लगातार बढ़ता जा रहा है. मौसम विभाग में हाइड्रोमेट एंड एग्रोमेट एडवाइजरी सेवाओं के प्रमुख एससी भान ने हाल ही में कहा है कि हम ग्लोबल वॉर्मिंग के दौर में जी रहे हैं. अगर पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया गया तो अभी गर्मी और रुलाने वाली है.

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