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Maratha Reservation Protest: भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे को मनाने की कोशिश, CM शिंदे ने फोन पर की बात

Maratha Reservation Protest: मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

Maratha Reservation Protest: भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे को मनाने की कोशिश, CM शिंदे ने फोन पर की बात

eknath Shinde and manoj jarange

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे से फोन पर बात की. सीएम शिंदे ने फोन पर जरांगे को मराठा समुदाय को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने पर ठोस फैसला लेने का आश्वासन दिया. जरांगे मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से जालना जिले के अपने पैतृक अंतरवली सराती गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

सीएमओ की तरफ से बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री शिंदे के साथ संतोषजनक बातचीत के बाद मनोज जरांगे ने अपने प्रदर्शन के दौरान पानी पीना शुरू कर दिया है. मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ स्थानों पर आंदोलनकारियों ने कुछ नेताओं के आवास में तोड़फोड़ तथा आगजनी की. हिंसा की घटनाओं के बाद महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में कर्फ्यू भी लगाया गया है.

मराठा आरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएंगे शिंदे
मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को सुबह जरांगे को फोन किया और उनका हाल-चाल पूछा. इसमें कहा गया है कि शिंदे ने जरांगे को आश्वस्त किया कि वह आज होने वाली कैबिनेट बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिए जाने के संबंध में ठोस निर्णय लेंगे. शिंदे ने जरांगे को यह भी बताया कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर करने के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग कानून, 2018 को 50 फीसदी की आरक्षण सीमा का उल्लंघन करने के लिए रद्द कर दिया था.

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जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय उसके सदस्यों को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी करने की मांग कर रहा है ताकि वे आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल हो सके. कुनबी, कृषि कार्य से जुड़ा एक समुदाय है, जिसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और इन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है. 

उद्धव ठाकरे ने साधा निशाना
इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र से संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सभी केंद्रीय मंत्रियों को मंत्रिमंडल बैठक में आरक्षण के मुद्दे को उठाना चाहिए. उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से यह भी अनुरोध किया कि अगर मराठा समुदाय की मांग पूरी नहीं की जाती है तो वे इस्तीफ दे दें. महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टिवार ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर गलत फैसला लेने और समुदाय को झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया.

नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘यह भाजपा द्वारा लगायी आग है और सरकार के गलत फैसले और उसके झूठे आश्वासन के कारण राज्य अस्थिर बन गया है.’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमने राज्यपाल से इस मुद्दे का हल तलाशने के लिए राज्य विधानसभा का तीन से पांच दिन का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है.’  (इनपुट- भाषा)

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