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दिल्ली में ताजिया जुलूस के दौरान झड़प, रास्ता बदलने को लेकर पथराव, पुलिस ने भांजी लाठियां

Delhi News: दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पथराव में करीब 10 पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं हैं और कुछ पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

दिल्ली में ताजिया जुलूस के दौरान झड़प, रास्ता बदलने को लेकर पथराव, पुलिस ने भांजी लाठियां

ruckus during Tajiya immersion

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डीएनए हिंदी: पश्चिमी दिल्ली के नागलोई इलाके में शनिवार को मुहर्रम के जुलूस के दौरान लोगों के एक समूह और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुहर्रम के ताजिया जुलूस के पूर्व निर्धारित मार्ग को बदलने को लेकर हुई बहस के बाद जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद झड़प हुई. इसके बाद पुलिस ने अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. जिसमें कई लोग घायल हुए हैं.

बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने कहा, ‘नांगलोई इलाके में कई ताजिया जुलूस निकाले जा रहे थे और उनमें करीब आठ से दस हजार लोग शामिल हुए थे. एक-दो आयोजक बेकाबू हो गए और उन्होंने अपने जुलूस का जो रूट पहले से तय किया था, उसे बदलने की कोशिश की. जब पुलिस ने इसका विरोध किया तो उन्होंने पुलिस कर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्हें इलाके से खदेड़ दिया.’

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10 पुलिसकर्मी घायल
पुलिस के मुताबिक, पथराव में करीब 10 पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं हैं और कुछ पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पुलिस ने बताया कि इलाके में स्थिति नियंत्रण में है. इस घटना के कुछ कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए हैं. वीडियो में इलाके के कुछ लोग पथराव करते हुए बसों और निजी कारों सहित सार्वजनिक वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक वीडियो में पुलिस लाठीचार्ज करती दिख रही है.

कब निकाला जाता है ताजिया?
बता दें कि इस्लामी कैलेंडर मुहर्रम के 10वें दिन यानी यौम-ए-आशूरा पर मुसलमान मातम मनाकर पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं. हुसैन 680 ईसवी में करबला (इराक) में हुई जंग में शहीद हो गए थे. मुसलमानों ने शनिवार को इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजिया जुलूस निकालकर, मातम मनाकर और इबादत करके मुहर्रम मनाया.  इस दिन शिया समुदाय के लोग सड़कों पर काले कपड़े पहनकर छातियां पीटते हुए हुसैन की याद में नारे लगाते हैं. इस दौरान कुछ शिया चेन, रस्सियां आदि अपने शरीर पर मारते हुए युद्ध के दौरान हुसैन को हुई पीड़ा को महसूस करने का प्रयास करते हैं. सुन्नी समुदाय के लोग इस दिन उपवास रखतें हैं और इबादत करते हैं. मुहर्रम के 10वें दिन ताजिया निकाला जाता है. ताजिया इमाम हुसैन के मजार की एक छोटी प्रतिकृति होती है.

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हालांकि कुछ ताजिया जुलूस के दौरान हादसे की खबरें सामने आईं. उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर करंट लगने से कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य नेताओं ने हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि दी. मोदी ने ट्वीट किया, “हम हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को याद करते हैं. न्याय और मानवीय गरिमा के आदर्शों के प्रति उनका साहस एवं प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है.' (इनपुट- भाषा)

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