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LG vs Kejriwal: 'मैं बता सकता हूं एलजी कौन है', CM केजरीवाल को LG वीके सक्सेना की चिट्ठी

LG vs Kejriwal: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है. इसमें कई बातों को जिक्र किया गया है. 

LG vs Kejriwal: 'मैं बता सकता हूं एलजी कौन है', CM केजरीवाल को LG वीके सक्सेना की चिट्ठी

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल

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डीएनए हिंदीः दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  (Delhi CM Arvind Kejriwal)और उपराज्यपाल वीके सक्सेना  (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) के बीच टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिख उनके विधानसभा के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई है. केजरीवाल ने विधानसभा में कहा था 'एलजी कौन हैं?'. उनके इस बयान पर विरोध जताते हुए 17 बिंदुओं वाली लंबी चिट्ठी लिखी है. 

'मैं हेडमास्टर नहीं हूं'
केजरीवाल को लिखे पत्र में एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के आरोपों के मुताबिक "हेड मास्टर" जैसा बर्ताव नहीं कर रहा हूं बल्कि एक नागरिक के नाते सही मुद्दों को आवाज दे रहा हूं. शिक्षा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति केजरीवाल सरकार आने के पहले 6 सालों में काफी नीचे गई है. चिट्ठी में उपराज्यपाल ने विधानसभा के अंदर और बाहर उनके बयानों को काफी हल्का बताया है. इस चिट्ठी में सक्सेना ने दिल्ली से जुड़े कई सारे मुद्दों का जिक्र किया और कहा कि आप उन्हें सुलझाने के लिए जल्दी कोशिश करेंगे.

'13 प्लॉट दिए पर एक भी स्कूल नहीं बना'
चिट्ठी में उपराज्यपाल ने डेटा देते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों का एनरोलमेंट 2014-15 की तुलना में 2019-20 में कम हुआ. 13 प्लॉट देने के बावजूद दिल्ली सरकार ने पिछले 8 सालों में एक भी नए स्कूल का निर्माण नहीं किया है. शिक्षा पर किए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल सक्सेना ने बताया है कि आठवीं क्लास तक 30% छात्र औसत से कम दर्जे के पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि 5 दिनों के फिनलैंड ट्रिप से शिक्षा के क्षेत्र में जितनी बड़ी बातें की जा रही है वह मीडिया में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए हैं. उपराज्यपाल ने यह भी दावा किया है कि 55 सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को 2 बैच में 10 -10 दिनों के लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ट्रेनिंग पर भेजने की फाइल उन्होंने क्लियर की थी.

चिट्ठी में लिखा कि आपने अपने सभी विधायकों के साथ मुझसे मिलने के बहाने नहीं आने का फैसला किया. आप इस बात की सराहना करेंगे कि आपकी ओर से अल्प सूचना और अचानक मांग को देखते हुए एक बार में 70-80 लोगों के साथ बैठक करना संभव नहीं होता और न ही इससे कोई ठोस उद्देश्य पूरा होता.

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