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'क्यों नहीं खाली किया बंगला?' डीओई ने नोटिस जारी कर महुआ मोइत्रा से पूछा सवाल

Mahua Moitra News: महुआ मोइत्रा ने संपदा निदेशालय द्वारा सात जनवरी तक आवास खाली करने संबंधी आदेश को चुनौती दी थी. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है...

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'क्यों नहीं खाली किया बंगला?' डीओई ने नोटिस जारी कर महुआ मोइत्रा से पूछा सवाल

TMC Leader Mahua Moitra (Photo Source - Social Media) 

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डीएनए हिंदी: तृणमूल कांग्रेस की पूर्व लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली नहीं करने पर संपदा निदेशालय (डीओई) ने सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया. महुआ मोइत्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि उन्होंने अभी तक अपना सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया है. उन्हें सात जनवरी, 2024 तक इसे खाली करने का निर्देश दिया गया था. मोइत्रा ने आगामी आम चुनावों के नतीजों तक सरकारी आवास पर अपना कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का अदालत से निर्देश की मांग की थी. 

शहरी आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, महुआ मोइत्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है कि उन्होंने अभी तक अपना सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार जनवरी को तृणमूल नेता को उन्हें आवंटित सरकारी आवास में बने रहने के साथ डीओई से संपर्क करने को कहा था. 

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महुआ मोइत्रा ने दी चुनौती

लोकसभा से निष्कासन के बाद आवंटन रद्द होने के कारण सात जनवरी तक सरकारी बंगला खाली करने के निर्देश को महुआ मोइत्रा ने चुनौती दी थी.इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियमों के मुताबिक असाधारण परिस्थितियों में अधिकारी शुल्क का भुगतान कर व्यक्ति को छह महीने तक रहने की अनुमति दे सकते हैं.अदालत ने मोइत्रा को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी. इसके साथ कहा था किसंपदा निदेशालय अपने विवेक से इस मामले में फैसला करेगा. महुआ मोइत्रा ने इससे पहले कहा था कि वह इस संबंध में वह संपदा निदेशालय से संपर्क करके लोकसभा चुनाव तक आवास में रहने की अनुमति देने का अनुरोध करेंगी. 

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जानिए पूरा मामला 

टीएमसी नेता पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाए गए थे. इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को शिकायत भेजी थी. जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी. जिसके बाद TMC नेता महुआ मोइत्रा को लोकसभा से 8 दिसंबर को निष्कासित कर दिया गया था. 

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