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Gujarat: 'रात को आया था आलाकमान का फोन, सुबह दे दिया था इस्तीफा', Vijay Rupani ने सुनाई सत्ता परिवर्तन की कहानी

गुजरात में भाजपा ने पिछले साल अचानक ही मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट में फेरबदल कर दिया था और भूपेंद्र पटेल नए सीएम बने थे.

Gujarat: 'रात को आया था आलाकमान का फोन, सुबह दे दिया था इस्तीफा', Vijay Rupani ने सुनाई सत्ता परिवर्तन की कहानी
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डीएनए हिंदी: कांग्रेस आलाकमान के लिए राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलना मुश्किलों भरा हो गया है. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सहयोगियों के जरिए गांधी परिवार (Gandhi Family) के खिलाफ बगावत कर दी है. दूसरी ओर भाजपा (BJP) ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कई मुख्यमंत्रियों को बदला है और सत्ता परिवर्तन बड़ी ही आसानी से हुआ है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण गुजरात सरकार (Gujarat Government) है. यहां रातों-रात विजय रूपाणी (Vijay Rupani) ने इस्तीफा दे दिया था. अब रुपाणी ने गुजरात में उस सत्ता परिवर्तन की पूरी कहानी बताई है. 

विजय रूपाणी ने बताया कि उनके पास एक रात पहले भाजपा के हाईकमान से इस्तीफा देने का आदेश आया और उन्होंने बिना पूछे ही सुबह अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में विजय रूपाणी ने बताया है कि बीजेपी हाईकमान ने इस्तीफे के लिए कहा और अगले दिन उन्होंने पद छोड़ दिया. उन्होंने आगे कहा कि ना तो उन्होंने हाईकमान से इसका कारण पूछा और ना ही किसी ने उनको कारण बताया था. 

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नहीं पूछा इस्तीफे का कारण

अपने इस्तीफे और गुजरात में सत्ता परिवर्तन को लेकर विजय रूपाणी ने आलाकमान की तारीफ की. रुपाणी ने कहा, "अगर मैंने कारण पूछा होता तो मुझे यकीन है कि उन्होंने मुझे इसका कारण बताया होता लेकिन मैं हमेशा से पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं. मैंने हमेशा वही किया है जो पार्टी ने मुझसे करने के लिए कहा है. पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने का आदेश दिया तो मैं बन गया. जब पार्टी ने मुझसे कहा कि वे मेरा पद वापस ले रहे हैं तो मैंने उन्हें खुशी-खुशी ऐसा करने को कहा."

पार्टी लाइन का किया पालन

विजय रूपाणी ने रात के आदेश का पालन सुबह किया. आलाकमान के आदेश का जिक्र करते हुए रुपाणी ने कहा, "अपनी पार्टी से निर्देश प्राप्त करने के कुछ घंटों बाद मैंने बिना किसी विरोध या गुस्से के 21 सितंबर 2021 को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंप दिया. एक अच्छे कार्यकर्ता के रूप में मैं कभी भी पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं गया. मैंने अपना इस्तीफा मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ सौंपा, न कि उदास चेहरे के साथ." 

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आनन-फानन में बदली थी पूरी कैबिनेट

आपको बता दें कि पिछले साल आनन-फानन में रातों रात बीजेपी ने अपनी गुजरात की पूरी सरकार में परिवर्तन कर दिया था. ऐसे में विपक्षी दल इस मुद्दे पर रूपाणी का मजाक उड़ा रहे थे लेकिन रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का गम नहीं था. एक साल बाद भाजपा ने उन्हें पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया. रूपाणी ने भाजपा के इस फैसले का स्वागत करते हुए यह तक कहा है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में उन्हें महत्व दे रही है. 

बदले हैं कई मुख्यमंत्री

आपको बता दें कि कर्नाटक की भाजपा ने एक दशक पहले सीएम येदुरप्पा को हटाने के प्रयास किए थे लेकिन उस समय येदुरप्पा ने बगावत करते हुए नई पार्टी तक बना ली थी.  वहीं पिछले साल कर्नाटक में  बीएस येदुरप्पा को बीजेपी ने आसानी से सीएम पद से हटाकर बसवराज बोम्मई को राज्य का सीएम बना दिया था.  पार्टी के इस फैसले के पीछे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सशक्त नेतृत्व को सबसे अहम माना जा रहा था. 

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इसके विपरीत कांग्रेस को राजस्थान में सीएम बदलने में अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल बनाम टीएस सिंह देव, मध्य प्रदेश में कमलनाथ बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का टकराव हल न करा सकी थी जिसके चलते सिंधिया ने पार्टी तक छोड़ दी. 

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