Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

बाबा की चरणों की धूल ने 'मिट्टी' में मिलाया, अपनों की सांसें टटोलते रहे परिजन, पढ़ें हाथरस की INSIDE STORY

Hathras Satsang Stampede: पुलिस ने बताया कि सत्संग के लिए 80 हजार लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन डेढ़ से 2 लाख लोग पहुंच गए.

Latest News
बाबा की चरणों की धूल ने 'मिट्टी' में मिलाया, अपनों की सांसें टटोलते रहे परिजन, पढ़ें हाथरस की INSIDE STORY

Hathras Satsang Stampede

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

यूपी के हाथरस में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. यह एक ऐसा दर्दनाक हादसा था जिसे लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. सिकंदराराऊ इलाके के फुलरई गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस घटना में 116 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि काफी लोग घायल हो गए, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. घटना स्थल का नजारा इतना भयावह था कि लोग अपनों की सांसें टटोलने में लगे थे. हर तरफ चीख-पुकार मच रही थी.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फुलरई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग हो रहा था. सत्संग के लिए 40-50 बीघे खेत में पंडाल लगा था. करीब डेढ़ से 2 लाख लोगों की भीड़ थी. लोगों ने रोड भी जाम कर रखा था. प्रत्यक्षदर्शी राम मोहन ने बताया कि वह भी अपनी पत्नी के साथ सत्संग देखने गए थे, लेकिन वह सेवादारों के पास बाहर बैठ गए और अपनी पत्नी को सत्संग देखने अंदर भेज दिया. 

उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद जब सत्संग का समापन हुआ हो गया. भोले बाबा अपनी गाड़ी से बाहर निकले तो लोग उनके पैर छून के लिए दौड़ पड़े. इसी दौरान भगदड़ इतनी तेज मच गई कि लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे निकले लगे. मोहन ने बताया कि उसकी पत्नी को एंबुलेंस में लेकर अस्पताल में गए. जब मैं अस्पताल पहुंचा तो वहां शव ही शव नजर आ रहे थे.


यह भी पढ़ें- हाथरस में सत्संग के दौरान क्यों मची भगदड़? DM ने किया खुलासा, 24 घंटे में जांच के आदेश


2 लाख लोगों की जुटी थी भीड़
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि सत्संग कराने वाले आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि इस धार्मिक कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी गई थी. लेकिन सत्संग में डेढ़ से 2 लाख लोग इकट्ठा हो गए. जितनी हमने इजाजत दी थी, उसके हिसाब से पर्याप्त पुलिस बल था. मामले की जांच की जा रही है. अगर इस हादसे के लिए भोले बाबा जिम्मेदार पाए गए तो उनके खिलाफ भी एक्शन होगा.

एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह  ने कहा कि सत्संग की अनुमति एसडीएम साहब द्वारा दी गई थी और यह निजी आयोजन था जिसमें सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि पंडाल के अंदर की व्यवस्था आयोजकों की जिम्मेदारी थी. इस संबंध मे उच्च स्तर पर एक जांच समिति गठित की गई है और जांच में सब चीजें स्पष्ट हो जाएंगी.


यह भी पढ़ें- 'सूट बूट और सिंहासन...,' आइये जानें कौन है नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा? क्या है उसकी कुंडली


2-2 लाख रुपये का मुआवजे का ऐलान
सीएम योगी ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं. वहीं पीएमओ के कार्यालय की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की गई.

पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और राज्य सरकार भी सभी पीड़ितों की हरसंभव सहायता में जुटी हुई है. मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement