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Heat Wave Alert: 122 साल में सबसे ज्यादा गर्म फरवरी, अगले 3 महीने भयानक हीटवेव, गेहूं की फसल पर खतरा

India Weather Forecast: मौसम विभाग ने 31 मई तक पूरे देश में 3 महीने के दौरान हीटवेव का भयानक प्रभाव रहने का अनुमान जताया है.

Heat Wave Alert: 122 साल में सबसे ज्यादा गर्म फरवरी, अगले 3 महीने भयानक हीटवेव, गेहूं की फसल पर खतरा

Weather Update

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डीएनए हिंदी: India Weather Alert- इस बार फरवरी महीने में ही जून जैसी गर्मी का अहसास जिस भयानक खतरे का संकेत दे रहा था, वैज्ञानिकों ने उसकी पुष्टि कर दी है. अगले तीन महीने आप घर से बाहर निकलने पर हीटवेव की चपेट में आकर तंदूरी मुर्गे की तरह झुलस सकते हैं. भारतीय मौसम विभाग (India Metrological Department) ने नया हीटवेव अलर्ट जारी कर दिया है, जिसमें 31 मई तक देश के अधिकतर हिस्से में भयानक हीटवेव चलने के अनुमान को और ज्यादा बढ़ा दिया गया है. मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि इस बार फरवरी पिछले 122 साल में सबसे ज्यादा गर्म रही है. इससे पहले पूरे देश में इतना ज्यादा मंथली एवरेज मैक्सिम टेंपरेचर साल 1901 में दर्ज किया गया था. इसका बेहद बुरा प्रभाव गेहूं की फसल पर होने की संभावना जताई गई है.

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तीन महीने बेहद गर्म रहेगा मौसम, चलेगी हीटवेव, झुलसेंगी फसलें

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एससी भान (senior meteorological scientist SC Bhan) के मुताबिक, आने वाले महीनों में देश को बेहद गर्म मौसम का सामना करना पडे़गा, जिसमें पिछले साल जैसी भयानक हीटवेव का प्रभाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने चिंता जताई कि ऐसा होने पर एकतरफ फसलों को नुकसान पहुंचने से खाद्य आपूर्ति प्रभावित होगी, वहीं देश के बिजली नेटवर्क पर भी ज्यादा दबाव बढ़ेगा. बता दें कि देश में समय से पहले मौसम गर्म होने के कारण बिजली डिमांड फरवरी में ही रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुकी है. 

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गेहूं पर प्रभाव की निगरानी को बन चुका है पैनल

कृषि मंत्रालय ने भी एक पैनल गठित कर दिया है, जो इसके चलते गेहूं की फसल पर होने वाले प्रभाव को मॉनिटर करेगा. पहले गेहूं की फसल का इस साल रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना जताई गई थी, लेकिन अब हीटवेव के कारण गेहूं के दाने पर क्या प्रभाव होगा? यह पैनल इसकी रिपोर्ट देगा.

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अब मार्च के महीने पर है सबकी निगाह

बता दें कि साल 2022 में मार्च का महीना 100 साल में सबसे ज्यादा गर्म आंका गया था. इसका गेहूं की फसल पर बेहद बुरा असर हुआ था. फसल के बड़ा होने पर भी उसमें दाना नहीं पड़ा था, जिससे उत्पादन में भारी कमी आई थी और सरकार को गेहूं एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था.

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अब फरवरी में रिकॉर्ड गर्मी के बाद सभी की निगाह फिर से मार्च पर है, जिसका तापमान गेहूं की फसल के लिए बेहद अहम है, क्योंकि उस समय फसल सबसे ज्यादा संवेदनशील स्थिति में होती है. मौसम विभाग का अनुमान है कि मार्च के महीने में भी भारतीय उपमहाद्वीप के ज्यादातर हिस्से में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा ही रहेगा.

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गेहूं उत्पादन प्रभावित हुआ तो होगी मुश्किल

यदि गर्म मौसम के कारण लगातार दूसरे साल देश का गेहूं उत्पादन प्रभावित हुआ तो सरकार के लिए स्थानीय खाद्य लागत को कंट्रोल करना बेहद भारी हो जाएगा. चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है. कम उत्पादन के कारण गेहूं एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंधों को जारी रखना पड़ेगा, जिससे ग्लोबल मार्केट में भी दाम बेहद प्रभावित होंगे. ग्लोबल मार्केट पहले ही यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध के कारण गेहूं की भारी किल्लत से जूझ रहा है. यूक्रेन दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं एक्सपोर्ट करने वाला देश है, लेकिन युद्ध के कारण पिछले साल के बाद इस बार भी उसका एक्सपोर्ट करना संभव नहीं दिख रहा है.

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