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Viral Video: एक पैर पर चलकर दो किलोमीटर दूर पढ़ने जाता है यह लड़का, मदद को आगे आए लोग

Jammu Kashmir Viral Video: जम्मू-कश्मीर का एक लड़का बचपन में अपना एक पैर गंवा चुका है लेकिन वह एक पैर पर ही रोज स्कूल जाता है.

Viral Video: एक पैर पर चलकर दो किलोमीटर दूर पढ़ने जाता है यह लड़का, मदद को आगे आए लोग

बचपन में ही परवेज़ ने गंवा दिया था अपना एक पैर

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डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा इलाके का रहना वाला एक लड़का अपना एक पैर गंवा चुका है. यह दुर्घटना भी नौवीं क्लास में पढ़ने वाले परवेज का हौसला तोड़ नहीं पाई है. रास्ता टूटा-फूटा होने के बावजूद भी परवेज अपने एक ही पैर पर चलकर रोज दो किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में पढ़ने जाता है. परेवज का वीडियो सामने आने के बाद जयपुर फुट असोसिएशन के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने मदद की पेशकश की है.

परवेज का सपना है कि वह पढ़-लिख कर कुछ बन सके. पैर खो देने के बावजूद परेवज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी है और अभी वह नौगाम के सरकारी हाई स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ता है. परवेज ने बताया कि समाज कल्याण विभाग ने उन्हें एक वीलचेयर दी है लेकिन गांव में सड़कें खराब होने की वजह से उसका कभी इस्तेमाल ही नहीं हो सका.  अब परवेज का वीडियो सामने आने के बाद जयपुर फुट असोसिएशन के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने कहा है कि वह फ्री में परवेज को आर्टिफिशियल लिंब लगवाएंगे.

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टूटी-फूटी सड़कें पर चलकर स्कूल जाता है परवेज
न्यूज एजेंसी एएनआई को 14 साल के परेवज ने बताया, 'मैं अपने एक पैर पर बैलेंस बनाकर चलता हूं और रोज दो किलोमीटर दूर अपने स्कूल जाता हूं. सड़कें अच्छी नहीं हैं. अगर मुझे आर्टिफिशिल लिंब मिल जाए तो मैं चल सकूंगा. मेरा सपना है कि मैं अपने जीवन में कुछ कर सकूं.'

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परवेज ने आगे कहा, 'मैं हर दिन दो किलोमीटर चलकर जाता हूं. मेरे लिए चलना काफी मुश्किल काम है इसलिए स्कल पहुंचते-पहुंचते मैं पसीने से तर हो जाता हूं. मुझे क्रिकेट, वॉलीवॉल और कबड्डी पसंद है. मुझे उम्मीद है कि सरकार मेरी मदद करेगी ताकि मैं अपना भविष्य संवार सकूं. अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेरे अंदर जज्बा है.'

परिवार है गरीब, प्रॉपर्टी बेचकर भी नहीं करवा पाया पूरा इलाज
अपनी तकलीफ के बारे में परवेज का कहना है, 'अपने दोस्तों को ठीक से चलते देखकर मुझे काफी दुख होता है. मैं अल्लाह का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने मुझे साहस दिया. मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि मुझे आर्टिफिशियल लिंब या कोई दूसरी ऐसी चीज दें जिससे मुझे कहीं आने-जाने में आसानी हो. मेरे पैर का इलाज करवाने के लिए मेरे पिता को उनकी प्रॉपर्टी बेचनी पड़ी.'

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परवेज के पिता गुलाम अहमद हजाम ने कहा, 'भयानक आग के चलते परवेज ने बहुत कम उम्र में अपना पैर गंवा दिया. मेरी पत्नी हार्ट पेशेंट हैं. मैं बेहद गरीब हूं. मैं इलाज के लिए तीन लाख रुपये का खर्चा नहीं उठा सकता. मैंने अपनी प्रॉपर्टी बेचकर किसी तरह 50 हजार रुपये जुटाए. मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह परवेज की मदद करे.'

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