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कांग्रेस की 'मुफ्त की योजनाओं' की आलोचना पड़ी भारी, सिद्धारमैया सरकार ने टीचर को किया सस्पेंड

Karnataka Politics: कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार ने एक शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है क्योंकि उसने फ्री की राजनीति की आलोचना की थी.

कांग्रेस की 'मुफ्त की योजनाओं' की आलोचना पड़ी भारी, सिद्धारमैया सरकार ने टीचर को किया सस्पेंड

Siddharamaiah

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डीएनए हिंदी: कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बने चंद दिन ही हुए हैं. एक सरकारी स्कूल के टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है. वजह है कि इस शिक्षक ने कांग्रेस की फ्री की पॉलिटिक्स की आलोचना की थी. इस शिक्षक ने अपने फेसबुक पर लिखा था कि कर्नाटक के पिछले मुख्यमंत्रियों में से सिद्धारमैया ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है. उन्होंने यह भी लिखा है कि इस तरह से कर्ज लेकर मुफ्त की योजनाओं का ऐलान करना काफी आसान है. बता दें कि कांग्रेस की सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में दी गई पांच गारंटियों को पूरा करने को मंजूरी दी है.

चित्रदुर्ग जिले के कानुबनहल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षक शांतमूर्ति एमजी को 20 मई को सस्पेंड कर दिया गया. उसी दिन सिद्धारमैया ने नए मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था. शांतामूर्ति ने फेसबुक पर लिखा था कि कर्नाटक के पिछले मुख्यमंत्रियों में सिद्दारमैया ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है. शांतामूर्ति के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्रियों एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान कर्ज 3,590 करोड़ रुपये, धर्म सिंह 15,635 करोड़ रुपये, एचडी कुमारस्वामी 3,545 करोड़ रुपये, बीएस येदियुरप्पा 25,653 करोड़ रुपये, डी.वी. सदानंद गौड़ा 9,464 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टर 13,464 करोड़ रुपये और सिद्दारमैया ने 42 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया.

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शिक्षा विभाग ने किया सस्पेंड
उन्होंने यह भी लिखा कि एस एम कृष्णा के कार्यकाल से लेकर जगदीश शेट्टर तक राज्य द्वारा लिया गया कर्ज 71,331 करोड़ रुपये था लेकिन सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल (2013-2018) के दौरान यह 2,42,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. उन्होंने यह भी लिखा कि इसलिए सिद्धारमैया के लिए मुफ्त के उपहारों की घोषणा करना आसान है. अब राज्य के शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है.

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एक जिला अधिकारी ने कहा कि चूंकि शिक्षक ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम 1966 का उल्लंघन किया था, इसलिए उसे निलंबित कर दिया गया था. उच्चाधिकारियों ने विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद, सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि पहली कैबिनेट बैठक में कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में सुनिश्चित की गई पांच गारंटी योजनाओं को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने कहा था, 'विवरण तैयार किया जा रहा है. योजनाओं के लिए चाहे कितने भी धन की आवश्यकता हो, हम उन्हें अपने वादे के अनुसार लागू करेंगे.'

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