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PM Modi का बड़ा बयान, बोले- दबाई गईं महापुरुषों की कहानियां, गुलामी के किस्सों को दिया बढ़ावा

PM Modi के साथ इस कार्यक्रम में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी थे. उन्होंने कहा कि इतिहास केवल मुगलों तक सीमित नहीं है.

PM Modi का बड़ा बयान, बोले- दबाई गईं महापुरुषों की कहानियां, गुलामी के किस्सों को दिया बढ़ावा
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डीएनए हिंदी: इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने का मुद्दा लगातार चलता रहा है. बीजेपी (BJP) ने हमेशा ही यह आरोप लगाया है कि पिछली सरकारों ने मुगलों और अंग्रेजों के इतिहास पर जितना फोकस किया था, उतना फोकस कभी भारतीय महापुरुषों पर नहीं किया है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी इस बात को दोहराते हुए एक बड़ा कटाक्ष किया है. उन्होंने यह तक कह दिया कि भारत का इतिहास केवल गुलामों तक नहीं बल्कि वीरों की कहानियों से भी भरा पड़ा है. उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा है कि इस तरह की कहानियों को हमेशा दबाने का प्रयास किया गया है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में अहोम सेना के 17वीं सदी के सेनापति लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के तीन दिवसीय समारोह के समापन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने, "हमें लचित बरफुकन की 400वीं जयंती मनाने का अवसर ऐसे समय में मिला है, जब देश अपनी आजादी का अमृत काल मना रहा है. यह ऐतिहासिक अवसर असम के इतिहास में एक गौरवपूर्ण अध्याय है."

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पीएम मोदी ने असम के महानायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "लचित बरफुकन जैसी महान हस्तियां और भारत मां की अमर संतानें इस अमृत काल के संकल्पों की पूर्ति के लिए हमारे निरंतर प्रेरणास्रोत हैं." प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद कर रहा है. लचित जैसी मां भारती की अमर संतानें हमारी अविरल प्रेरणा हैं. मैं इस पुण्य अवसर पर लचित को नमन करता हूं. उन्होंने कहा, अगर कोई तलवार के जोर से हमें झुकाना चाहता है, हमारी शाश्वत पहचान को बदलना चाहता है तो हमें उसका जवाब भी देना आता है. 

गौरतलब है कि इस दौरान असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमान ने भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ सरकार के प्रयास ही काफी नहीं हैं. लोगों और इतिहासकारों को भी इस ओर प्रयास करना चाहिए. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "इतिहासकारों से निवेदन है कि भारत सिर्फ औरंगजेब, बाबर, जहांगीर या हुमायूं की कहानी नहीं है। भारत लचित बरफुकन, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह, दुर्गादास राठौर का है." 

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आपको बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा लगातार ही इस तरह के आक्रामक बयान देते रहे हैं. इस बीच अब  पीएम मोदी ने भी इशारों में ही उनका समर्थन कर दिया है. खास बात यह भी है कि असम और मेघालय के बीच इस समय सीमा का विवाद चल रहा है लेकिन इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने एक शब्द भी नहीं बोला है, न ही सीएम हिमंता ने इसका जिक्र किया है.

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