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Kartavya Path Inauguration: जानिए नेताजी का स्टेचू के अनावरण पर उनकी बेटी ने कैसे कहा शुक्रिया, जताई ये इच्छा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने के दौरान सुभाषचंद्र बोस की 28 फुट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया.

Kartavya Path Inauguration: जानिए नेताजी का स्टेचू के अनावरण पर उनकी बेटी ने कैसे कहा शुक्रिया, जताई ये इच्छा
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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली में महत्वकांक्षी सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) का गुरुवार को लोकार्पण कर दिया. इस दौरान जहां गुलामी के दिनों की याद दिलाने वाले राजपथ (Rajpath) का नाम बदलकर कर्तव्य पथ (Kartvya Path) किया गया, वहीं, इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash CHandra Bose) की 28 फुट ऊंची मूर्ति का भी अनावरण किया.

नेताजी की मूर्ति के अनावरण की खुशियां हजारों मील दूर जर्मनी (Germany) में भी मनाई गईं, जहां उनकी इकलौती बेटी अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) रहती हैं. अनीता ने इसके लिए भारत को धन्यवाद कहा तो साथ ही एक बार फिर उनकी अस्थियों को जापान (Japan) से स्वतंत्र भारत में लाने की अपील केंद्र सरकार से की.

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किंग जॉर्ज के स्टैच्यू की जगह नेताजी की मूर्ति लगना गर्व की बात

अनीता ने ANI से कहा, नेताजी की मूर्ति ने किंग जॉर्ज पंचम (King George V) के स्टैच्यू की जगह ली है. इस बात की महान प्रतीकात्मक अहमियत है कि भारत ने अपने स्वतंत्रता संघर्ष के बेहद अहम नेता को वहां जगह दी है, जहां कभी उपनिवेशवादी ताकतें खड़ी थीं.

उन्होंने कहा, मैं ये देखकर बेहद खुश हूं कि भारतवासियों ने उनके नाम और यादों को इतने दशक बाद भी संजोकर रखा है. लोग उन्हें तब भी जानते हैं, जबकि स्वतंत्रता संघर्ष में उनकी भूमिका को बहुत ज्यादा आधिकारिक अहमियत नहीं दी गई है. लेकिन उन्होंने (सुभाष चंद्र बोस ने) भारत के गठन में एक अहम भूमिका निभाई थी. 

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स्वतंत्र भारत में जिंदा नहीं आ सके, पर उनके अवशेष तो लाए जाएं

अनीता ने एक बार फिर भारत सरकार से नेताजी के अवशेष स्वतंत्र भारत की जमीन पर लाने की अपील की. उन्होंने कहा, वह कभी स्वतंत्र भारत में कदम नहीं रख सके. मेरी इच्छा है कि कम से कम उनके अवशेष तो उनकी मातृभूमि पर वापस लाए जाएं और उन्हें एक आखिरी आराम की जगह दी जाए. अनीता ने कहा, इस बात के दस्तावेजी सबूत हैं कि उनकी मौत मौजूदा ताइवान (Taiwan) में 18 अगस्त, 1945 को हो गई थी. मुझे आशा है कि उनकी राख को देश में वापस लाया जाएगा. 

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पीएम मोदी ने भी कहा, गुलामी के प्रतीक की जगह स्थापित हुए नेताजी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. साथ ही कहा, आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का विशाल स्टैच्यू स्थापित किया गया है. यहां गुलामी के दौर में ब्रिटिश राजपरिवार के प्रतिनिधि की मूर्ति लगी थी. आज इसी जगह नेताजी की मूर्ति लगाकर देश ने आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है.

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