Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Alt News संस्थापक मोहम्मद जुबैर नई मुश्किल में, फोटो ट्वीट विवाद में NCPCR पहुंचा हाई कोर्ट

मोहम्मद जुबैर के ऊपर ट्विटर पर एक बच्ची को धमकाने का आरोप है, जिसे दिल्ली पुलिस ने गंभीर नहीं माना था.

Alt News संस्थापक मोहम्मद जुबैर नई मुश्किल में, फोटो ट्वीट विवाद में NCPCR पहुंचा हाई कोर्ट

ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: लगातार विवादों में घिरे रहने वाले फैक्ट चैकर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) अब एक नई परेशानी में फंस गए हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने मंगलवार को जुबैर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट में NCPCR ने कहा कि एक बच्ची को मोहम्मद जुबैर द्वारा ट्विटर पर धमकाने के मामले को दिल्ली पुलिस का 'असंज्ञेय अपराध' बताना पूरी तरह गलत है. दिल्ली पुलिस का यह रुख प्राधिकरणों के कैजुअल रवैये को दिखाता है. NCPCR ने हाई कोर्ट से मांग की है कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में पुख्ता जांच करने और इसकी जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया जाए. हाई कोर्ट इस मामले में 7 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा.

पढ़ें- Ukraine War में इसलिए तेज हुए हमले, 'तबाही फैलाने वाला' जनरल बन गया है कमांडर, जानिए कौन है वो

पिछले साल अगस्त में दर्ज हुई थी FIR

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ पिछले साल अगस्त में FIR दर्ज की थी. NCPCR के आदेश पर दर्ज हुई इस FIR में जुबैर के खिलाफ ट्विटर पर एक लड़की को कथित तौर पर धमकाने का आरोप था. बाल आयोग की शिकायत में एक बच्ची और उसके पिता के फोटो का हवाला दिया गया था, जिसे जुबैर ने उस नाबालिग बच्ची के पिता के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुए झगड़े के बाद ट्वीट किया था. 

पढ़ें- S. Jaishankar ने कहा- भारत ने रूस से हथियार खरीदे क्योंकि पश्चिमी देशों ने मिलिट्री तानाशाही वाले पाकिस्तान का साथ दिया

जुबैर ने की थी जांच से बचने की कोशिश: आयोग

NCPCR का कहना है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से मई में दी गई स्टेट्स रिपोर्ट में साफ स्पष्ट हो रहा था कि जुबैर इस मामले में जांच से बचने की कोशिश में हैं और पुलिस के साथ कोऑपरेट भी नहीं कर रहे हैं. आयोग ने हाई कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में कहा, इससे याचिकाकर्ता (जुबैर) की तथ्यों को छिपाने की दुर्भावनापूर्ण मंशा स्पष्ट हो रही है, जो इस मामले की जांच में गंभीर देरी का कारण बन रही है. साथ ही दिल्ली पुलिस की तरफ से यह दलील देना कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है, यह भी पूरी तरह गलत है और इस मामले के प्रति पुलिस के लापरवाह रुख को दिखा रहा है.

पढ़ें- Gyanvapi Case: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर कोर्ट ने सुनी मुस्लिम पक्ष की दलील, 14 अक्टूबर को आएगा आदेश

फोटो पर आए कमेंट्स से हुआ POCSO समेत कई कानूनों का उल्लंघन

बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था का कहना है कि इससे उस बच्ची की पहचान सार्वजनिक हुई है, जो उसके लिए खतरा बन सकती है. साथ ही सोशल मीडिया पर उसके उत्पीड़न का कारण बन सकती है. NCPCR ने कहा, नाबालिग बच्ची के फोटो पर कमेंट्स किए गए, जिनमें वे कमेंट भी शामिल हैं, जो यौन उत्पीड़न के दायरे में आते हैं. इनसे साफतौर पर पोक्सो कानून (POCSO Act), IT कानून (IT Act) और IPC की कई धाराओं का उल्लंघन हुआ है.

पढ़ें- Aam Aadmi Party पर पीएम मोदी का तंज- कांग्रेस ने मुझे गाली देने का ठेका किसी और को दे दिया है

जुबैर ने अपना ट्वीट नहीं हटाया

NCPCR ने हाई कोर्ट से कहा कि जुबैर ने ना तो अपना ट्वीट डिलीट किया और ना ही अधिकारियों को उन ट्विटर यूजर्स की शिकायत की, जो अश्लील कमेंट कर रहे थे. एफिडेविट में कहा गया कि नाबालिग लड़की के खिलाफ किए गए उल्लंघनों और दिल्ली पुलिस की तरफ से 14 मई को अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में दी गई जानकारी को ध्यान में रखकर NCPCR कोर्ट से आग्रह करती है कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में गहन जांच करने और उसे प्राथमिकता के साथ पूरी करने का आदेश दिया जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement