Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

India's Fourth General Election: भारत का चौथा आम चुनाव, इंदिरा गांधी का उदय और कांग्रेस में टूट

Loksabha Elections 1967: साल 1967 में हुए देश के चौथे लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को ही जीत मिली लेकिन इस बार कई चीजें बदल गई थीं और कांग्रेस के पास अब पंडित नेहरू नहीं थे.

Latest News
India's Fourth General Election: भारत का चौथा आम चुनाव, इंदिरा गांधी का उदय और कांग्रेस में टूट

लोकसभा चुनाव 1967

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

लोकसभा के तीसरे चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में बहुमत हासिल किया था. 1964 में पंडित नेहरू का निधन हुआ तो कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर उठापटक शुरू हुई. नेहरू के बाद प्रधानमंत्री बने लाल बहादुर शास्त्री का भी अचानक निधन हो जाने की वजह से यह उठापटक इस कदर बढ़ी कि पार्टी में दो धड़े साफ नजर आने लगे थे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी तीसरे चुनाव में जीत तो गई लेकिन उसके मत प्रतिशत और सीटों की संख्या में काफी कमी आई. यही वह चुनाव था जहां से इंदिरा गांधी का उदय हुआ और कांग्रेस में टूट भी हुई. इसी चुनाव में विपक्ष भी मजबूत होने लगा और विपक्ष की सीटें काफी बढ़ गई थीं.
 
लाल बहादुर शास्त्री के बाद प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार मोरारजी देसाई थे. वह खुद दावेदारी भी ठोंक रहे थे लेकिन आखिर में कमान खुद इंदिरा गांधी ने ही संभाली. 26 जनवरी 1966 को पहली बार प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी के पद पर रहते ही 1967 के चुनाव हुए.


यह भी पढ़ें- कैसा था लोकसभा का तीसरा चुनाव? कांग्रेस ने यूं बरकरार रखी बादशाहत 


लाल बहादुर शास्त्री के पीएम रहते हिंदी को राजभाषा बना दिया गया था ऐसे में दक्षिण के राज्यों में भाषा को लेकर आंदोलन होने लगा. उस समय कई राज्यों में अकाल की स्थिति थी, ऐसे में सबसे बड़ा मुद्दा अनाज की कमी ही था. 

इंदिरा गांधी ने संभाली नेहरू की विरासत

क्या थे 1967 चुनाव के मुद्दे?
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ हुए और केंद्र में फिर से सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने 6 राज्यों में सरकार गंवा दी. बढ़ती महंगाई के बीच चुनाव से ठीक पहले इंदिरा गांधी ने रुपये का अवमूल्यन किया लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. 

महंगाई, भाषायी आंदोलन और छिटपुट दंगों के आलोक में लड़ा गया यह चुनाव अंत में इंदिरा गांधी को स्थापित करने वाला चुनाव बना. कांग्रेस के ही नेता इंदिरा गांधी को 'गूंगी गुड़िया' कहा करते थे लेकिन उन्हीं इंदिरा गांधी ने अपने फैसलों से हर किसी को चुप करा दिया.


यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 1957: कैसा था देश का दूसरा चुनाव, किसको मिली जीत और कौन हारा


चौथी लोकसभा के चुनाव 17 फरवरी 1967 से 21 फरवरी 1967 तक हुए. इस बार कुल 520 सीटों के लोकसभा चुनाव कराए गए थे. चुनाव में कांग्रेस की सीटें कम होने का असर यह हुआ कि इंदिरा गांधी को ही साल 1969 में कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया. 

कांग्रेस से निकाल दी गईं इंदिरा गांधी

इसके बाद इंदिरा ने नई पार्टी कांग्रेस (R) बनाई और पुरानी पार्टी को कांग्रेस (O) कहा जाने लगा. इंदिरा गांधी लेफ्ट पार्टियो के समर्थन से सरकार चलाती रहीं और 1971 में ही अगले लोकसभा चुनाव कराने का ऐलान कर दिया गया.


यह भी पढ़ें- कैसा था लोकसभा का पहला चुनाव, पढ़ें आजाद भारत के लोकतंत्र की कहानी


 
कौन कितनी सीटें जीता?
इंदिरा गांधी की अगुवाई में आ चुकी कांग्रेस पार्टी ने 516 सीटों पर चुनाव लड़ा. इस बार कांग्रेस को बहुत नुकसान हुआ लेकिन वह 283 सीटें जीतकर बहुमत लाने में कामयाब रही. इस चुनाव में भारतीय जनसंघ और मजबूत हुआ और 249 सीटों पर चुनाव लड़कर उसने कुल 35 सीटें जीत लीं. स्वतंत्र पार्टी को 44, सीपीआई को 23, एसएसपी को 23, सीपीएम को 19, पीएसपी को 23 सीटें मिलीं. कुल 520 सीटों के लिए हुए चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों को 440, क्षेत्रीय पार्टियों को 43 और अन्य को 37 सीटें मिलीं.

1967 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 25 करोड़ के आसपास थी. इस चुनाव में 61.33 प्रतिशत मतदान हुआ.

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement