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Lucknow Building Collapse: सुरक्षित बचाए गए 15 लोग, लखनऊ में बिल्डिंग गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Hazratganj Building Collapse: लखनऊ के पॉश इलाके में गिरी 5 मंजिला इमारत के मलबे से 3 शव मिले हैं. मलबा हटने में 12 घंटे का समय लग सकता है.

Lucknow Building Collapse: सुरक्षित बचाए गए 15 लोग, लखनऊ में बिल्डिंग गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज शाम हसनगंज इलाके में पांच मंजिला इमारत अलाया अपार्टमेंट अचानक भरभरा कर गिर गई. इस बेहद पुरानी इमारत के मेंटिनेंस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था. इसके चलते मंगलवार को दिन में आए 5.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप के दौरान इस बिल्डिंग में दरारें आने की खबर है. बिल्डिंग गिरने के बाद मलबे में 30 से 35 लोगों के दबे होने की जानकारी मिल रही है, लेकिन अब तक पुष्ट संख्या नहीं मिल सकी है. घटना के तुरंत बाद ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव के काम में जुट गई हैं. अब तक 3 लोगों के शव निकाले गए हैं, जबकि एक बच्चे समेत 9 लोगों को मलबे के अंदर से रेस्क्यू किया जा चुका है. इन सभी को अस्पताल भेजा गया है.

पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान के मुताबिक, कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं, जिन्हें निकालने की कोशिश जारी है. उन्होंने मलबा हटने में कम से कम 12 घंटे का समय लगने की संभावना जताई है. उधर, जानकारी के मुताबिक, इस बिल्डिंग के बराबर वाली बिल्डिंग में भी दरार आ गई है. हालांकि अभी उसे खाली नहीं कराया जा रहा है. लखनऊ के डीएम सूर्य पाल गंगवार के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए सेना को भी बुला लिया गया है.

यह इमारत काफी घने इलाके में बनी थी जिसके चलते एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों तक को गली में घुसने में मशक्कत करनी पड़ी. बिल्डिंग 15 साल पहले बनी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि राहत बचाव के काम को युद्धस्तर पर किए जाए.

क्या है हादसे की वजह

हादसे को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि बिल्डिंग में निचले फ्लोर पर काम चल रहा था और ड्रिलिंग भी हो रही थी. वहीं यह भी कहा गया है कि आज दोपहर आए भूकंप के तेज झटकों के बाद से ही बिल्डिंग में दरारें भी आईं थी. हालांकि फिलहाल यह जांच का विषय है कि आखिर 15 साल पुरानी बिल्डिंग  अचानक भरभरा कर कैसे गिर गई. 

मौके पर मौजूद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक

जानकारी के मुताबिक राहत बचाव का काम तेजी से जारी है. वहीं आस पास रहने वाले लोगों ने बताया है कि बिल्डिंग में करीब 30 से 25 परिवार रहते हैं जिसमें सपा के एक बड़े नेता का परिवार भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक सपा प्रवक्ता हैदर अब्बास की मां, पत्नी व बच्चे भी मलबे में दबे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में अमीर हैदर निकाले गए. सीनियर कांग्रेस नेता इस मलबे में फंसे थे. अमीर हैदर का परिवार अभी फंसा हुआ है.

मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लखनऊ के सभी अस्पतालों को अलर्ट करने के साथ ही ब्लड की व्यवस्था, नाइट शिफ्ट के डॉक्टरों को तत्काल ड्यूटी पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपार्टमेंट मे फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि रही बात बिल्डिंग के निर्माण की गुणवत्ता की तो उसे बाद मे देखेंगे. दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. 

तोड़नी पड़ी बाउंड्री वॉल

ऐसे में रेस्क्यू टीमों को अंदर दूसरे अपार्टमेंट बिरावन हाउस और सटी हुई दूसरी सड़क की बाउंड्रीवाल तोड़नी पड़ी. इसके बाद ही लोगों को निकालने का काम शुरू हो सका. इतने बुरी स्थिति के चलते सड़क पर बाहर ही गाड़ियां खड़ी होने की वजह से अग्निशमन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा एंबुलेंस की गाड़ियां भी नहीं पहुंच पा रही थीं. ऐेसे में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. राहत बचाव के लिए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तीन बिल्डिंगों को खाली कराया है. 

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