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Plastic Waste से बना डाली 20 फीट ऊंची महात्मा गांधी की मूर्ति, जानिए क्यों है खास

Noida Mahatma Gandhi Statue: नोएडा में महात्मा गांधी की एक मूर्ति बनाई गई है. 20 फीट ऊंची इस मूर्ति को बनाने के लिए सिर्फ़ प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया गया है.

Plastic Waste से बना डाली 20 फीट ऊंची महात्मा गांधी की मूर्ति, जानिए क्यों है खास

नोएडा में प्लास्टिक वेस्ट से बनाई गई मूर्ति

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डीएनए हिंदी: प्लास्टिक कचरा 21वीं शताब्दी की सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है. इसी समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा में सोमवार को 'भारत छोड़ो आंदोलन' की 80वीं वर्षगांठ पर 'स्वच्छ भारत' के प्रतीक के रूप में कचरे से बनी महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया. नोएडा प्रशासन ने यह कचरा इसी जिले से इकट्ठा किया और अब कचरे को रीसाइकल करके 20 फीट ऊंची मूर्ति तैयार कर दी है. इस मूर्ति का वजन 1,150 किलोग्राम है. आपको बता दें कि 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है.

महात्मा गांधी की यह मूर्ति नोएडा सेक्टर 137 के पास बना गई है. 'मार्चिंग गांधी' की यह मूर्ति पूरी तरह से प्लास्टिक कचरे से बनाई गई है. आत्मनिर्भर और स्वच्छ भारत के लिए महात्मा गांधी के दृष्टिकोण को याद करते हुए, इस मूर्ति का अनावरण करने के लिए नोएडा के सांसद महेश शर्मा, विधायक पंकज सिंह और तेजपाल सिंह नागर के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी भी मौजूद थीं.

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20 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है मूर्ति
इन नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को पूरा करने के उद्देश्य से नोएडा प्राधिकरण ने एक निजी कंपनी के सहयोग से नोएडा में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के बारे में आम लोगों को याद दिलाने के लिए प्रतिमा का अनावरण किया है. यह मूर्ति 20 फीट ऊंची, 6 फीट लंबी, 6 फीट चौड़ी है. इसका वजन 1,150 किलोग्राम है.

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1 जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने के बाद लोगों को प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के प्रति जागरूक करने और इसके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. कचरे से इस प्रतिमा का निर्माण एक जागरूकता अभियान की तरह है. इसके साथ ही ऑपरेशन प्लास्टिक एक्सचेंज मोबाइल वैन भी शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत अब तक 170 लोगों ने 816 किलो प्लास्टिक की बोतलों और 52 किलो पॉलीथिन को कपड़े से बने थैले, लकड़ी के स्टॉक रेट और स्टील की बोतलों से बदला है.

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