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मणिपुर में 8 महीने बाद भी नहीं थम रही हिंसा, फिर गोलीबारी और बम धमाके, कमांडो की मौत

Manipur Violence News: मणिपुर में पिछले साल मई में हिंसा की शुरुआत हुई थी. तब से अब तक सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी लेकिन अभी तक हिंसा थम नहीं रही है. ताजा मामला तेंगनोउपल जिले से सामने आया है.

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मणिपुर में 8 महीने बाद भी नहीं थम रही हिंसा, फिर गोलीबारी और बम धमाके, कमांडो की मौत

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डीएनए हिंदी: मणिपुर में बुधवार सुबह एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. तेंगनोउपल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों के वाहन पर अचानक हमला कर दिया. जिसमें एक कमांडो शहीद हो गया. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों को भी फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों की एक चौकी पर बम फेंके और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है.

पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान मोरेह में राज्य पुलिस कमांडो के रूप में तैनात भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के जवान वांगखेम सोमोरजीत के रूप में की गई है. सोमोरजीत इम्फाल वेस्ट जिले के मालोम के रहने वाले थे. पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की बुधवार सुबह मोरेह शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. उग्रवादियों ने एसबीआई मोरेह के पास सुरक्षाबलों की एक चौकी पर बम फेंके और गोलीबारी की जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की.

16 जनवरी को लगाया गया था कर्फ्यू
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने अस्थायी कमांडो चौकी पर आरपीजी गोले भी दागे, जिससे आसपास खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में सीमावर्ती शहर में राज्य बलों द्वारा दो संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने के 48 घंटे बाद संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की चौकी पर गोलीबारी की है. इससे पहले मणिपुर सरकार ने तेंगनोउपल में शांति भंग होने, सार्वजनिक सद्भाव बिगड़ने और मानव जीवन एवं संपत्ति को गंभीर खतरे की आशंका संबंधी जानकारी मिलने के बाद 16 जनवरी को देर रात 12 बजे से पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया था.

पिछले महीने SDPO की हुई थी हत्या
तेंगनोउपल के जिले मजिस्ट्रेट ने कहा कि यह कर्फ्यू कानून-व्यवस्था लागू करने और आवश्यक सेवाओं से जुड़ी सरकारी एजेंसियों पर लागू नहीं होगा. पुलिस ने उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सी आनंद की पिछले साल अक्टूबर में की गई हत्या मामले के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल माते को गिरफ्तार किया था. दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया.

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पुलिस ने बताया कि बाद में दोनों को मोरेह के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कुकी इनपी तेंगनोउपल (केआईटी), चुराचांदपुर जिले के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) और कांगपोकपी जिले के कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने दोनों की गिरफ्तारी की निंदा की है.

8 महीने से जल रहा मणिपुर
मई 2023 से मणिपुर में हिंसा भड़की हुई है. 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टेडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में आदिवासी एकता मार्च निकाला था. ये रैली मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी. मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी ST में शामिल करने की मांग कर रहा है. इसी रैली से ही हिंसा की शुरुआत हुई थी. तब से कुकी समुदाय और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने हैं. सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और करोड़ो रुपये की संपत्ति जलकर खाक हो गई है.

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